रायपुर। अब कोटा के दर्जनभर से ज्यादा गांव में मलेरिया की चपेट में आ गए है। स्वास्थ्य विभाग रोजाना सभी संवेदनशील गांव का सर्वे कर रही है। मलेरिया के मरीज मिलने पर उपचार की व्यवस्था की भी जा रही है। अधिकतर मरीजों का कोटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज किया जा रहा है।
पीड़ित व्यक्ति के इलाज का दिया आश्वासन
वही प्रभावित गांव में दवा का वितरण किया जा रहा है। साथ यह भी बताया जा रहा है कि यदि कोई मलेरिया से पीड़ित हो तो वे तत्काल टीम से संपर्क करे, उनके इलाज की व्यवस्था मौके पर ही की जाएगी। मौजूदा स्थिति में कोटा के कुपाबांध, बहरीमुड़ा, करवा, जूनापारा, केंदा, मदनपुर, बेलगहना, टाटीधार आदि गांव में मलेरिया के सक्रिया मरीज है। कोटा में केवल मरीज के इलाज की व्यवस्था है, मच्छरों को मारने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। इसी वजह से मौजूदा स्थिति में कोटा क्षेत्र में मलेरिया को लेकर स्थिति गंभीर होती जा रही है। कलेक्टर अवनीश शरण की लोगों से अपील पर मलेरिया व डायरिया से निपटने में समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिलना शुरू हो गया है।
एसडीएम और उनके अधिकारयों ने किया मच्छरदानी वितरण
नेमीचंद जैन मथुरा वाले चैरिटी ट्रस्ट पेंडारी सकरी ने गांवों में 200 मच्छरदानी वितरण के लिए जिला प्रशासन को दान दिया हैं। मलेरिया प्रभावित ग्राम मझगांव में जरूरतमंद लोगों में इसके वितरण का कार्य एसडीएम युगल किशोर उर्वशा ने किया। उन्होंने ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ मच्छरदानी का वितरण किया। एसडीएम उर्वाशा का कहना है कि मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी एक अचूक उपाय है। उन्होंने लोगों से इसका नियमित उपयोग करने का आग्रह किया है। मझगांव में मोबाइल मेडिकल वाहन द्वारा शिविर भी लगाया गया था। शिविर में पहुंचे लोगों को मलेरिया से बचाव के उपाय बताए गए। महामाया मंदिर सेवा ट्रस्ट ने भी अभियान में सहयोग किया। उनके द्वारा रतनपुर अस्पताल में भर्ती मरीजों को ताजा खिचड़ी परोसी गई।