रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यानी गुरुवार को प्रदेश के गैर-अनुसूचित इलाकों के लिए ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना’ की शुरुआत की है. बता दें कि ग्रामीण इलाकों के तीज-त्योहारों, संस्कृति एवं परम्परा को संरक्षित और संवर्धित करने के लक्ष्य से यह योजना मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की तर्ज पर शुरू की गई है।
योजना की पहली किश्त
मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान कहा कि हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में यहां की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का काम अति महत्वपूर्ण है. इसी लक्ष्य से राज्य में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती, छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्वो पर सार्वजनिक छुट्टी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि साथ ही इन त्योहारों पर बड़ा आयोजन भी किया जा रहा है. राज्य शासन की यह भावना है कि तीज-त्यौहारों के माध्यम से हमारी आने वाली नयी पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों से जुड़कर संस्कारित हो. इसके साथ ही अपनी संस्कृति पर गौरव का भी महसूस करे बता दें कि भूपेश बघेल ने एक हफ्तें पहले यानी 13 अप्रैल को बस्तर में आयोजित भरोसा सम्मेलन में शामिल हुए थे. जहां ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ करते हुए बस्तर संभाग की 1840 ग्राम पंचायतों को योजना की पहली किश्त के रूप में पांच-पांच हजार रुपये के मान से अनुदान राशि जारी की थी।
पूरे प्रदेश में योजना लागू
मुख्यमंत्री ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर योजना की पहली किश्त के रूप में सभी 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों को पांच-पांच हजार रुपये के मान से कुल 3 करोड़ 05 लाख 55 हजार रुपये की राशि जारी की. सीएम भूपेश बघेल ने इसके साथ-साथ ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि’ के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र के सरगुजा संभाग के साथ अन्य अनुसूचित इलाकों के शेष 14 जिलों की 03 हजार 793 ग्राम पंचायतों को आज पहली किस्त के तौर पर 05-05 हजार रुपये के मान से टोटल 01 करोड़ 89 लाख 65 हजार रुपये की राशि भी जारी की. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में यह योजना लागू हो गई है।
योजना की इकाई होगी ग्राम पंचायत
‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि योजना’ राज्य के गैर अनुसूचित क्षेत्रों के सामुदायिक इलाकों के 61 विकासखंड की 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों में लागू होगी। बता दें कि इस योजना की इकाई ग्राम पंचायत होगी. तीज-त्योहार मनाने के लिए इस योजना में भी हर ग्राम पंचायत को 10 हजार रुपये की राशि दो किश्तों में दी जाएगी।