रायपुर। देश भर में लगातार लोग BP, शुगर, कैंसर, टीबी जैसे तमाम बिमारियों से ग्रसित हो रहे है। ऐसे में एक और बीमारी का नाम सामने आया है जो छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में अधिक देखा जा रहा है। बीमरी है बहरेपन की, बता दें कि कोरबा जिले के खदान के आसपास रहने वाले लोगों को बहरेपन का शिकार होना पड़ रहा है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
इस उम्र के लोग हो रहे अधिक बहरे
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में खदान के पास रह रहे ग्रामीणों में बहरेपन का लक्षण अधिक देखा जा रहा है। बहरेपन से शिकार हो रहे लोगों में सबसे अधिक लोग 50 वर्ष से अधिक आयु वाले हैं। ऐसे में इन आयु के 530 लोगों ने सुनने की समस्या को लेकर एक साल के अंदर सरकारी हॉस्पिटल पहुंचे है। वहीं इनलोगों का उपचार जारी है। हालांकि इस जिले के लोग कानों से सुनने की परेशानी से अधिक जूझ रहे हैं। इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है आसपास के खदानों में चट्टानों को तोड़ने की आवाज से इनलोगों की सुनने की क्षमता जा रही है।
रिपोर्ट में मुताबिक आकड़ों का विश्लेषण
ऐसे भी हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि इस उम्र के लोगों को सुनने में थोड़ी दिक्क्त होती है। बुढ़ापे में कान के पर्दे अधिक कमजोर हो जाते हैं, कमजोर होने से सुनने में परेशानी होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा में एक वर्ष के अंदर कम उम्र के साथ 50 वर्ष से अधिक उम्र के 15 हजार 360 लोगों ने कान में परेशानी की समस्या लेकर हॉस्पिटल पहुंचे हैं। इसमें महिला और पुरूष वर्ग दोनों ही शामिल हैं।
एक वर्ष के अंदर इतने लोगों ने खोई सुनने की क्षमता। ( यह आंकड़ा वित्तीय साल 2022-23 की है )
वर्ष महिला पुरूष
6 से 15 वर्ष 38 57
16 से 50 वर्ष 261 239
50 वर्ष से अधिक 288 242
ऑडियोलॉजिस्ट का मानना है…
देश के तमाम ऑडियोलॉजिस्ट बताते हैं कि ढलती उम्र के साथ ही व्यक्ति कई तरह की बीमारियोंं से ग्रसित होने लगता है। स्वास्थ्य का असर कान को भी प्रभावित करता है। लेकिन इसे लोग नजर अंदाज कर देते हैं। ऐसे में देरी होने पर बहरेपन की परेशानी आ जाती है। ऐसे में आवश्यकता है कि सुनने में किसी तरह की दिक्क्त हो तो चिकित्सक से उपचार कराएं एवं श्रवण यंत्र का हमेशा उपयोग करें। इससे परेशानी का सामना नहीं करना पर सकता है।