रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग यानी CGPSC भर्ती घोटाले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजेपी ने जो वादा किया था उसे हमने निभाया है। इस मामले में जो भी दोषी हैं उन्हें सजा मिलेगी। EOW ने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।
EOW ने दर्ज की FIR
बता दें कि EOW ने एक दिन पहले छत्तीसगढ़ लोक सेवा एक पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य ऑफिसरों और नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनके ऊपर आरोप है कि पद पर रहते हुए इन्होंने अपने भाई-भतीजों का बड़े पदों पर चयन कराया।
बना था चुनावी मुद्दा
बीजेपी ने इस मामले को उठाकर बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। साथ ही जनता से वादा किया था कि बीजेपी की सरकार आएगी तो इनपर बड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा ने इसे अपने आरोप पत्र में शामिल किया था। जब विधानसभा चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ था कि पीएससी की भर्ती मुद्दा बनी थी।
बीजेपी के आरोप पत्र में शामिल
विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी का आरोप पत्र जारी किया तो उसमें भी PSC मामले का जिक्र किया गया था। इससे पहले भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी राजधानी में हुई हुंकार रैली के दौरान PSC का मुद्दा जोर-शोर से जनता के सामने उठाया था।
विवादों में सिलेक्शन लिस्ट
बता दें कि CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा हुई थी। सिलेक्शन लिस्ट विवादों में आई, जिसमें आरोप लगाया गया कि भर्ती में फर्जीवाड़ा और भाई-भतीजावाद किया गया है। इसे लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 13 नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई थी।