रायपुर। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में वोटिंग संपन्न हो चुकी है। अब एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ चुके हैं। गुरुवार को जारी किए गए एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार छ्त्तीसगढ़ में कांग्रेस को बढ़त मिली है। देखा जाए तो मुकाबला दिलचस्प और करीबी है। इस एग्जिट पोल के मद्देनजर कांग्रेस को 40 से 50 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं बीजेपी के खाते में 36-46 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं। जबकि अन्य को 1-5 सीटें मिलने की संभावना है।
Axis my India के अनुसार एग्जिट पोल की बड़ी बातें
- इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी यानी सरकार विरोधी लहर नहीं दिखाई दी है। इसके बाद भी बीजेपी ने वोटिंग से एक महीने पहले तक खुद को काफी मजबूत किया। यही कारण है कि कांग्रेस के खाते में बढ़त देखने को मिल रही है।
- बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए कुछ वादों ने महिलाओं और किसानों पर बीच काफी दिखाया है। जिसमें शादीशुदा महिलाओं को प्रतिवर्ष 12000 रुपये देने, गरीबों को 500 रुपये में LPG सिलेंडर उपलब्ध कराने और भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10 हजार रुपये देने का वादा प्रमुख रहा।
- इस बार बीजेपी महिलाओं, शहरी, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग और युवाओं (18-35 साल) में वोटिंग की बढ़त बनाने में कामयाब रही।
- वहीं कांग्रेस पुरुषों, ग्रामीणों, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और मुस्लिम वोटर्स को साधने में आगे नजर आई।
- इस बार बीजेपी बस्तर में अपनी बढ़त बनाते नजर आ रही है, जबकि यह परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ समझा जाता रहा है।
- बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन किया है। फिलहाल यह असरदार नहीं दिखाई दिया है। पिछली बार BSP दिवंगत अजीत जोगी की पार्टी JCC के साथ गठबंधन में आई थी।
- इस बार मामला काफी टक्कर का दिखाई दिया है। ऐसे में अगर BSP, GGP, CPI जैसे दलों कैंडिडेट जीतते हैं, तो त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में ये काफी अहम साबित होगा।
2018 से ज्यादा दिखा बीजेपी का असर
2018 के चुनावों में बीजेपी 90 सीटों में से सिर्फ 15 सीटों पर 10 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर मार्जिन से जीत हासिल कर पाई थी क्योंकि SC, ST, OBC और सामान्य वर्ग के वोटर्स कांग्रेस के पक्ष में थे। जबकि इस बार बीजेपी OBC मतदाताओं खासकर साहू (जनसंख्या का 14 प्रतिशत) वोटर्स और सामान्य वर्ग के वोटर्स को अपनी तरफ करने में कामयाब होती नजर आई।