Monday, November 25, 2024

Chhattisgarh Election 2023 : विधायकों का टिकट सर्वे के आधार पर कटा, सत्ता के लिए चुनाव जीतना जरूरी – टीएस सिंहदेव

रायपुर। छत्तीसगढ में चुनावी माहौल जारी है इस बीच उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि कुछ मौजूदा विधायकों का विधानसभा चुनाव का टिकट सर्वे के आधार पर पहले से तय था कि कटेगा. उन्होंने कहा कि अपने आदमी को केवल टिकट नहीं देना होता है. अगर सत्ता में बने रहना है तो चुनाव जीतना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि खासकर मौजूदा विधायक का टिकट काटना आसान नहीं होता. इस दौरान उन्होंने कहा कि पितृ पक्ष के कारण सूची आने में विलम्ब हुआ।

मतदान वाली सीटों पर उम्मीदवार घोषित

कार्यक्रम के दौरान सिंहदेव ने कहा कि प्रथम चरण के वोटिंग वाली सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष की सीटों की भी घोषणा की गई। यह पार्टी का अपना एक रणनीतिक निर्णय था. वहीं बीजेपी दूसरी सूची में क्षेत्र, जाती, महिलाओं का प्रतिनिधित्व देखते हुए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक, क्षेत्रीय, सामाजिक संतुलन बैठाना इस परिस्थिति में आसान नहीं होता है।

औसतन दो महिलाओं को टिकट देंगे

सिंहदेव ने कहा कि प्रभारी कुमारी शैलजा ने पहले से बताया था कि एक लोकसभा में औसतन दो महिलाओं को टिकट देंगे. अगर पार्टी 20 फीसदी टिकट महिलाओं के पक्ष में देना चाहती है तो उस हिसाब देखा जाए तो कुल 18 सीट पर महिलाओं को टिकट देने का उद्देश्य है. बता दें कि अभी भी कुछ सीटों पर टिकट ऐलान करना बचा हुआ है। अनुमान है कि उसमें भी महिलाओं को मौका दिया जा सकता है.

केंद्र सरकार पर भी निशाना

इस दौरान उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का काम है राज्य की नाकामियों को गिनना जो यह दिखती है की राजनीतिक शुद्ध नहीं है. अगर राज्य सरकार काम नहीं करती तो छत्तीसगढ़ को स्वच्छता, सड़क निर्माण में गुणवत्ता, कृषि, स्वास्थय के क्षेत्र में अवॉर्ड कैसे मिलते।

बोनस देने पर चावल नहीं उठाए जाएंगे

उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर की खामियों को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं हैं। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए आदेश दिया था कि बोनस देने पर चावल नहीं उठाए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि क्या चुनाव आयोग को यह पता नहीं था कि वोटिंग के समय कई तरह के त्योहार हैं। दिवाली, भाईदूज, धनतेरस और छठ पूजा भी मतदान के पास ही हैं। ऐसे में चुनाव आयोग को वोटिंग के लिए अलग तारीख रखना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मतदान की तिथि 27 नवंबर करनी चाहिए.

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