Sunday, November 3, 2024

Chhattisgarh : एरियर घोटाला मामले में हुई बड़ी कार्रवाई, आरोपी बाबू टीकाराम सस्पेंड

रायपुर। प्रदेश में तीन करोड़ के एरियर घोटाला मामले में शामिल रायगढ़ जिले के लैलूंगा बीईओ कार्यालय में पदस्थ बाबू टीकाराम पटेल को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कई फर्जी खातों में एरियर राशि भेजी गई थी।

एरियर घोटाला मामले में बाबू टीकाराम पटेल निलंबित

छत्तीसगढ़ में तीन करोड़ के एरियर घोटाले के मामले में लैलूंगा बीईओ कार्यालय में पदस्थ बाबू टीकाराम पटेल को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह कारवाई डीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर संयुक्त संचालक बिलासपुर की तरफ से की गई है। बता दें कि इस पूरे मामले की जांच धरमजयगढ़ ब्लॉक के विजयनगर हायर सेकंडरी और कापू हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य के साथ शिक्षा विभाग के योजना शाखा के अधिकारी द्वारा की गई थी। वहीं जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद पूरी रिपोर्ट संयुक्त संचालक बिलासपुर को भेजी गई थी। जहां से 13 अक्टूबर को बाबू टीकाराम पटेल को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया था। बता दें कि उनपर शासकीय राशि का दुरुपयोग कर संबंधितों को आर्थिक लाभ पहुंचाने और वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है।

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि यह पूरा मामला बीते फरवरी-मार्च का है। उस समय शासन की ओर से पदस्थ शिक्षकों का बकाया एरियर राशि भुगतान करने राशि आवंटित की गई थी। इस दौरान जो राशि जिला पंचायत में आई थी, वो वहां से डीईओ के खाते में जमा की गई। जिसके बाद डीईओ कार्यालय की ओर से सभी बीईओ के खाते में शिक्षकों की एरियर राशि जारी कर दी गई थी। वहीं लैलूंगा बीईओ को करीब तीन करोड़ की राशि दी गई थी। इस दौरान वहां के बाबू टीकाराम पटेल और अन्य ने बीईओ की जानकारी में ऐसे शिक्षकों को राशि जारी कर दी जो इसके लिए पात्र भी नहीं थे। यहीं नहीं जो गणना पत्रक शिक्षकों ने जमा किया था उसकी जांच तक नहीं की गई थी। ऐसे में किसी को 15 लाख तो किसी को 18 लाख रुपए तक की एरियर राशि मिल गई थी।

जांच रिपोर्ट के आधार पर किया गया है निलंबित

दरअसल एक ही स्कूल के शिक्षकों को करीब 54 लाख का भुगतान कर दिया गया था। वहीं एक शिक्षक ने हाई कोर्ट में एरियर राशि भुगतान नहीं करने के लिए याचिका तक दायर किया था। बता दें कि जिले में इस तरह के सैकड़ों मामले दिखाई थे। वहीं इस पूरे मामले की शिकायत जब शिक्षकों ने की तो संयुक्त संचालक बिलासपुर की ओर से ही तीन अधिकारियों की जांच टीम बनाकर जांच करने का निर्देश दिया गया। जांच में एरियर राशि में गड़बड़ी होने की पुष्टि हुई। अब इसी रिपोर्ट के आधार पर लैलूंगा बीईओ कार्यालय में पदस्थ टीकाराम पटेल को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि लैलूंगा में जो-जो शिक्षक याचिका दायर की गई थी, वह आज भी एरियर राशि से वंचित हैं।

लैलूंगा बीईओ को भेजी गई नोटिस

बता दें कि अपात्रों को एरियर राशि जारी करने के मामले में लैलूंगा बीईओ एन. लकड़ा को भी नोटिस जारी किया गया है। जिसमें उनसे 6 पॉइंट में जवाब मांगा गया है। यहीं नहीं इसमें फर्जी तरीके से भुगतान करने का उल्लेख भी किया गया है। उन्हें इसके लिए अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के भीतर देना होगा। वहीं जवाब से संतुष्ट नहीं होने और समाधान कारण नहीं मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च कार्यालय को रिपोर्ट भेजने की बात भी कही गई है।

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