Friday, November 22, 2024

रायपुर में आज से G-20 समिट का आयोजन, छत्तीसगढ़िया थीम पर सजी सड़कें

रायपुर। G-20 की मेजबानी करने का मौका छत्तीसगढ़ को भी मिला है. आज यानी 18 और सितंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में G-20 के चौथे फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप की मीटिंग रखी गई है. इससे पहले G-20 की बैठक के लिए विदेशी डेलीगेट्स का आना कल देर रात तक होता रहा.  माना कि एयरपोर्ट पहुंचते ही उनका छत्तीसगढ़ी अंदाज में स्वागत किया गया. साथ ही छत्तीसगढ़ी वाद्ययंत्रों की मधुर संगीत और राउत नाचा के साथ मेहमानों को तिलक लगाकर राजकीय गमछा पहनाया गया. डेलीगेट्स के स्वागत के लिए नवा रायपुर से गुजरने वाले प्रमुख मार्गों में सजावट और आकर्षक पेंटिंग की गई है।

केंद्र से मिला 20 करोड़

दो दिन होने वाले इस G-20 के चौथे फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप मीटिंग में भाग लेने दुनिया भर से डेलीगेट आए हैं. G-20 की बैठक की तैयारियों के लिए केंद्र से शासन को 20 करोड़ की राशि मिली है. जिसे मेहमान नवाजी, साज सज्जा में खर्च किया गया है. दो दिनों की बैठक में G-20 में शामिल देशों की आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. विदेशी मेहमान नवा रायपुर जंगल सफारी,मुक्तांगन, चंदखुरी माता कौशल्या मंदिर का भ्रमण करेंगे.

दुनिया भर में छत्तीसगढ संस्कृति की पहचान

छत्तीसगढ़ हमेशा अपनी संस्कृति की वजह से दुनिया भर में चर्चा में रहता है. यहां की कला संस्कृति अलग पहचान रखती है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में मेहमानों की मेहमान नवाजी बेहद खास तरीके से की जाती है. G-20 बैठक के बाद डेलीगेट्स को छत्तीसगढ़ की सुंदर स्मृतियों के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति दर्शाया हुआ गिफ्ट दिया जाएगा.  डेलीगेट्स को बस्तर का फेमस ढोकरा आर्ट तोहफा दिया जाएगा इसके अलावा फारेस्ट हनी और मिलेट कूकीज जैसे उत्पाद गिफ्ट पैक में दिए जाएंगे।

डेलीगेट्स को मिलेगी बस्तर की सुंदरता की झलक

ढोकरा कला से बनाई गई एक प्रतिमा फ्रेम में आबद्ध कर उन्हें प्रदान की जाएगी.  इस कला का थीम चार आदिवासी युवतियों को लेकर है. वे नृत्यरत हैं और एक दूसरे का हाथ थामे हुए है.  इस प्रतिमा से बस्तर की सुंदरता और लोकजीवन की समृद्धि की झलक डेलीगेट्स को मिल सकेगी. साथ ही हजारों वर्ष पुराने छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों की प्रतिभा से भी वे वाकिफ हो सकेंगे. G-20 के माध्यम से इस अनुपम छत्तीसगढ़ी संस्कृति का और भी व्यापक प्रचार-प्रसार हो सकेगा।

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