रायपुर: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम रमन सिंह के बेहद करीबी कहे जाने वाले लीलाराम भोजवानी का हुआ निधन. वह अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे थे. उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें रायपुर के अस्तपाल में भर्ती किया गया था. अस्पताल में भी उनके स्वास्थय में कोई सुधार नहीं था बल्कि उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी उसके बाद परिजनों ने लीलाराम भोजवानी को वापस राजनांदगांव ले जाने का फैसला किया. एंबुलेंस में वेंटिलेटर सपोर्ट के जरिए उन्हे वापस ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
क्या हुआ था उन्हें ?
2 दिन पहले उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ गई. जिसके बाद उनका इलाज रायपुर के एक अस्पताल में चला पर उनके तबीयत में सुधार नहीं आया. उसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया.
राजनीतिक सफर रहा ऐसा
सन् 1965 में वह पहली बार राजनांदगांव नगर निगम में पार्षद बने. उसके बाद 1990 में पहली बार विधानसभा चुने गए, फिर 1998 में दूसरी बार विधायक बने. जब छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश में हुआ करता था तब उस जमाने में वह श्रम विभाग में मंत्री भी रहे. इसके अलावा उन्होंने सन् 2000 से विधायक दल के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली. इसके अलावा लीलाराम भोजवानी पत्रकारिता से भी जुड़े थे. बाद में उन्होंने राजनांदगांव भाजपा जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारियां भी संभाली.
कई बार गए जेल
झुग्गी झोपड़ी वासियों, मजदूरों, मुर्रा पोहा श्रमिकों आदि की समस्या को खत्म करने के लिए आंदोलन पर भी बैठे. जिसकी वजह से उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा.
सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया ने व्यक्त किया दुख
सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि आज हमने समाज का पितामह खो दिया. उन्होंने हमेशा प्रदेश को बेदतर बनाने के लिए संघर्ष किया. आगे सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों ने कहा कि वह हर व्यक्ति की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे.
अंतिम संस्कार कब ?
आज यानि 17 अगस्त को दोपहर 4:30 बजे के आस-पास लखोली मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.