रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में अंदरूनी विवाद को सुलझाने के लिए नई राजनीति गेम खेला गया है. बताया जा रहा इसी वजह से टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया गया है. अब पूरे प्रदेश के लोगों के साथ- साथ सभी राजनीतिक दल की निगाहें इस बात पर है कि क्या अब यह फॉर्मूला राजस्थान में भी अपनाया जा सकता है।
राजस्थान को लीड करने का मिलेगा मौका – टीएस सिंहदेव
जानकारी के अनुसार टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद चुनावी राज्यों में सियासत गर्मा गई है. डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि सचिन पायलट को राजस्थान को लीड करने का शानदार मौका मिलेगा। हालांकि यह फैसला हाईकमान का है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने पायलट की कैपेसिटी देखी है. जब छत्तीसगढ़ में सचिन पायलट आए हैं तो मैंने आयोजित कार्यक्रम में उनकी भाषण शैली को देखा था. सिंहदेव ने कहा कि पिछले 10 -15 वर्ष पहले की बात कर रहा हूं, जब वे यूथ कांग्रेस के लीडर थे।
पायलट का हाथ अभी भी हैं खाली – डिप्टी सीएम
साल 2018 में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने के बाद कथित तौर पर मुख्यमंंत्री पद के लिए ढ़ाई-ढ़ाई साल वाले समीकरण की बात तय की गई थी. लेकिन इस समीकरण को इन दोनों राज्यों में से किसी ने नहीं अपनाया। बताया जा रहा है कि टीएस सिंहदेव और सचिन पायलट दोनों नेताओं को प्रदेश का कमान संभालने का मौका नहीं मिला। हालांकि अब चुनाव से कुछ महीने पहले टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन राजस्थान की बात की जाए तो अभी भी पायलट का हाथ खाली है. राजस्थान की राजनीतिक परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस हाईकमान एक समाधान जरूर निकाल सकता है. समाधान यही हो सकता है कि सचिन पायलट को कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया जाए।