रायपुर। कहा जाता है कि अगर इंसान कुछ करने की ठान ले, तो उसके लिए कुछ भी नामुकिन नहीं है. बस अपनी मंजिल को पाने के लिए दिल में जुनून होना चाहिए. ठीक इसी प्रकार की एक खबर छत्तीसगढ़ से सामने आई है. जहां दुर्ग जिले के एक बेटी ने बिना कोचिंग-क्लास किए नीट की परीक्षा पास अपनी मंजिल हासिल कर ली है. तीन बार असफल होने के बाद चौथी बार सफलता मिली है।
720 में 516 प्राप्त कर हासिल किया मंजिल
जानकारी के अनुसार डूमरडीह गांव की रहने वाली यमुना चक्रधारी दिन में ईट बनाती थी और रात में अपने घर पर नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी. दिन में कड़ी मेहनत करने के बाद भी रात में परीक्षा की तैयारी करना कितना मुश्किल है, लेकिन फिर भी हार न मानते हुए यमुना ने नीट की परीक्षा में 720 में 516 प्राप्त कर जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में नाम रोशन किया है. अगर पूरे देश में रैंक की बात की जाए तो 93,683 रैकिंग है, जबकि ओबीसी रैक में 42684 रैंकिंग हासिल की है।
जिले के साथ प्रदेश का बढ़ाया मान
यमुना ने बताया कि घर की स्थिति ठीक नहीं होने कारण पूरे परिवार को ईट भट्ठे में काम करना पड़ता है. उनके पिता का छोटे से ईट भट्ठे का काम है. रोजाना 5 से 6 घंटे के काम करने के बाद पढ़ाई के लिए किसी तरह से समय निकलती थी. सेल्फ स्टडी के भरोसे ही 4 बार के बाद आखिरकार कामयाबी हासिल मिली है. उसने बताया कि अब एमबीबीएस पूरा करने के बाद एमडी या एमएस के लिए कोशिश करना ही अगला मंजिल होगा। कहा जाता है कि जिस तरह से गर्म भट्ठे में तपकर एक-एक ईट तैयार की जाती है. उसे देखकर यमुना के इरादे भी तैयार होते चले गए. भले ही घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. लेकिन, पढ़ाई कर मंजिल हासिल करने के उसके मजबूत इरादे थे. जिसका परिणाम ये रहा कि उसने नीट क्वालीफाई कर दुर्ग जिले के साथ पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है।