रायपुर। कांकेर जिले में मोबाइल के लिए जलाशय से पानी बहाने वाले फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास पर लगातार प्रशासन का शिकंजा कस रहा है. सबसे पहले उसे इस काम के लिए सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद उसके ऊपर आधा लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया था. लेकिन अब इस रकम को भुगतान करने के लिए रिकवरी का नोटिस भी जारी कर निलंबित खाद्य अधीक्षक को सौंप दिया गया है।
10 दिन के अंदर जमा करना होगा जुर्माना राशि
मिली जानकारी के मुताबिक जलाशय में मोबाइल फोन गिर जाने के बाद डैम का पाने बहाने वाले फूड इंस्पेक्टर को प्रशासन द्वारा सस्पेंड कर दिया गया था. इसके अलावा इस काम के लिए उसके ऊपर जुर्माना भी लगया गया था, जल संसाधन विभाग की ओर से पानी के रेट के मुताबिक 53092 रुपये का भुगतान करने के लिए रिकवरी का नोटिस भेज दिया है. नोटिस में कहा गया है कि 10 दिन के अंदर जुर्माना राशि जमा करना अनिवार्य है।
SDO आरएल धीवर सस्पेंड
21 लाख लीटर पानी बर्बादी के मामले में जल संसाधन विभाग के SDO आरएल धीवर को भी सस्पेंड कर दिया है. आरोप है कि उन्होंने ही खाद्य अधीक्षक का फोन निकालने के लिए डैम खाली करने की मौखिक अनुमति दी थी. प्रशासन की तरफ से दिए गए शो कॉज नोटिस के जवाब में SDO ने इस मामले से पूरी तरह से पल्ला झाड़ दिया था, उन्होंने बताया कि पानी निकालने के लिए न तो आदेश दिया था और न ही उन्हे डैम खाली करने के बारे में कोई जानकारी थी. संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने की वजह से जिलाधिकारी ने कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
क्या था पूरा मामला?
कोयलीबेड़ा ब्लॉक के फूड ऑफिसर राजेश विश्वास 21 मई को पार्टी मनाने के लिए अपने मित्रों के साथ पंखाजुर के परलकोट जलाशय गए थे. वहीं सेल्फी लेने के दौरान उनका सैमसंग कंपनी का S सीरीज का करीब एक लाख रुपये का मोबाइल पानी में गिर गया था. जिसके बाद इंस्पेक्टर ने जलाशय से बिना अनुमति के 4104 घन मीटर पानी बहाकर बर्बाद कर दिया था. अगर स्थानीय लोगों की माने तों 30 एचपी के दो पंप डैम में लगाए गए और चार दिन तक 24 घंटे मोटरपंप चलाकर लाखों लीटर पानी डैम से बाहर निकाल व्यर्थ बहाया दिया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इस काम को लेकर छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में लोग अधिकारी राजेश विश्वास की निंदा करने लगे, फिर ये बात विभाग के ऊपर तक पहुंची और फूड इंस्पेक्टर को जिलाधिकारी ने निलंबित कर दिया. बताया जा रहा है कि सस्पेंड फूड इंस्पेक्टर के इस काम के चलते स्थानीय लोगों को काफी परेशानी भी झेलना पड़ सकता है. जल विभाग ने बर्बाद किया गया पानी की कीमत वसूलने के लिए रिकवरी का नोटिस भेजकर दस दिन के अंदर जमा करने के लिए कहा गया है.