रायपुर : छत्तीसगढ़ की बिलासपुर पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। रेप पीड़िता युवती की मां पर ही पुलिस ने केस लगा दिया है। रेप पीड़िता युवती की मां विधवा महिला पर आरोपी पक्ष का आरोप है कि उनके घर के 10 साल के नाबालिक बच्चे के साथ महिला ने गलत काम किया है। रेप पीड़िता ने पुलिस (TI) पर आरोपी पक्ष के साथ मिले होने के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, आरोपी को बचाया जा रहा है और मेरा केस कमजोर किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला ?
पीड़िता 4 साल पहले जब स्कूल में पढ़ती थी, तब उसकी दोस्ती आफताब नामक युवक से हुई। आफताब ने उससे दोस्ती करके प्यार का इजहार किया और लड़की उसके झांसे में आ गई। फिर लड़के ने उसे अपने साथ घुमाने ले जाने के बहाने उसके साथ रेप किया। युवती ने बदनामी के डर से किसी को इस बारे में जानकारी नहीं दी। इस बात का फायदा उठाकर आरोपी युवती के साथ अक्सर दुष्कर्म करने लगा।
बीते 4 मार्च को आफताब मोहम्मद लड़की को खूंटाघाट घुमाने के बहाने से अपने साथ ले गया। वहां उसने फिर से पीड़िता के साथ संबंध बनाए और फिर उसके साथ मारपीट करके वहां से भाग गया।
पुलिस को रोती मिली पीड़िता
हाईवे पर पेट्रोलिंग कर रही पुलिस टीम को पीड़ित लड़की देर रात रोड़ पर ही रोती मिली। पुलिस के पूछने पर पीड़िता ने अपने साथ हुई हुए पूरे घटना क्रम के बारे में बताया।
पीड़िता की मां को किया गिरफ्तार
TI कृष्णकांत सिंह ने कहा, आफताब के घर 10 साल का लड़का रायपुर से आया था। वह एक दिन मोहल्ले की दुकान से सामान लेने जा रहा था, तभी पीड़िता की मां ने उसे चॉकलेट देने के बहाने अपने घर में बुलाया और नाबालिग बच्चे के प्राइवेट पार्ट से छेड़खानी की। बच्चे के रोने पर किसी को यह बात बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
डरा-सहमा रहने लगा बच्चा
इस घटना के कुछ ही दिन बाद नाबालिक बच्चे की मां बच्चे को लेकर रायपुर चली गई। वहां उसका बेटा गुमशुम और डरा-सहमा रहने लगा। मां ने बेटे से पूछा तब जाकर उसने ऊपर हुई पूरी आपबीती बताई। इसके बाद पुलिस नाबालिक बच्चे को रतनपुर लेकर आयी जहां उससे महिला की पहचान कराई गई। तो वह महिला पीड़िता युवती की मां थी। पुलिस ने नाबालिक बच्चे की मां की लिखित शिकायत पर पीड़ित युवती की मां के खिलाफ धारा 506, 377 और 4-12 पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करके उसे जेल भेज दिया है।
समझौते का दबाव
रेप पीड़ित लड़की ने बताया कि आरोपी पक्ष ने पहले हमें पैसे देखर समझौता करने के दबाव बनाया लेकिन हम नहीं माने और न्याय की गुहार लगाते रहे तो फिर आरोपी पक्ष ने पुलिस के साथ मिल कर मेरी मां को झूठे केस में फसाया है।
नहीं ली बाल कल्याण समिति की राय
आमतौर पर नाबालिक बच्चे-बच्चियों के साथ अगर अप्राकृतिक कृत्य का मामला सामने आता है तो पुलिस बाल कल्याण समिति की राय लेती है। साथ ही बच्चों की काउंसिलिंग भी कराई जाती है। विशेष रूप से जब मामला संवेदनशील हो। लेकिन, इस मामले में पुलिस ने बिना काउंसिलिंग के ही आनन-फानन में केस दर्ज करके पीड़ित युवती की मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।