रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बस्तर में हालात बदल गए हैं। नक्सलियों के सबसे शक्तिशाली गढ़ में 20 नए कैंपों की स्थापना के बाद अब ‘लालगढ़’ सुरक्षा बलों के कब्जे में आते जा रहा है। इस क्षेत्र में कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी, जवानों ने वहां प्रहार कर नक्सलियों की कमर […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बस्तर में हालात बदल गए हैं। नक्सलियों के सबसे शक्तिशाली गढ़ में 20 नए कैंपों की स्थापना के बाद अब ‘लालगढ़’ सुरक्षा बलों के कब्जे में आते जा रहा है। इस क्षेत्र में कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी, जवानों ने वहां प्रहार कर नक्सलियों की कमर ही तोड़ दी है। स्थिति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां वर्ष 2023 के शुरुआती तीन माह में सुरक्षा बल ने केवल एक नक्सली को ढेर किया था, वहीं इस साल अब तक 46 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया है।
दरअसल, सीएम विष्णुदेव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा नक्सलियों से मुख्यधारा से जुड़ने का आह्वान कर चुके हैं। नक्सलियों की ओर से संवाद की स्थिति नहीं बनने के बाद बंदूक का जवाब बंदूक से दिए जाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।
25 मार्च को होली के दिन नक्सलियों ने बासागुड़ा थाना क्षेत्र के कलारपारा में 3 ग्रामीणों की हत्या कर दी थी। इसके 48 घंटे के भीतर ही सुरक्षा बल ने 27 मार्च को पोलमपल्ली में इस हत्या में सम्मिलित रहे 6 नक्सलियों को ढूंढकर मुठभेड़ में मार गिराया। अब 2 अप्रैल को सुरक्षा बल ने छत्तीसगढ़ में अब तक के नक्सल इतिहास में सबसे बड़े अभियान को पूरा करते हुए इस क्षेत्र में 13 नक्सलियों को ढेर कर दिया। बस्तर IPG सुंदरराज पी. ने कहा, नक्सलियों के आधार क्षेत्र में विकास कैंप की स्थापना से सुरक्षा बल मजबूत हुए हैं। इन कैंपों से नक्सलियों के विरुद्ध अभियान के साथ ही क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा व बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रहे हैं। नक्सलियों से अपील है कि आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें।
साल जनवरी-मार्च जनवरी-दिसंबर
2019 16 65
2020 9 40
2021 12 51
2022 13 30
2023 1 20
2024 46
डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में बुधवार को कटेकल्याण एरिया कमेटी के नक्सली जोगा मुचाकी ने आत्मसमर्पण किया है। उसने दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर कटेकल्याण एरिया कमेटी के प्रतिबंधित नक्सली संगठन में ग्राम पिट्टेडब्बा मिलिशिया सदस्य जोगा मुचाकी (37 वर्ष) निवासी पिट्टेडब्बा थाना कुकानार जिला सुकमा ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण कराने में 230वीं वाहिनी सीआरपीएफ दंतेवाड़ा का योगदान रहा।
नक्सली संगठनों द्वारा बीजापुर और सुकमा जिले के व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और आम नागरिकों से 3 अप्रैल को सभी प्रतिष्ठानों एवं जिले को सम्पूर्ण रूप से बंद रखने का आह्वान किया गया था। बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय एवं एसपी डा. जितेन्द्र यादव ने जिले के समस्त व्यापारी, पेट्रोल पंप एवं बस संचालकों को नक्सली बंद के आह्वान को सफल न बनाने एवं अपनी प्रतिष्ठान अन्य दिनों की तरह सामान्य रूप से संचालित करने की अपील की थी।