रायपुर: आज देश भर में राम नवमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को भगवान विष्णु के सातवें अवतार राम जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने […]
रायपुर: आज देश भर में राम नवमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को भगवान विष्णु के सातवें अवतार राम जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करते है।
इस दिन भगवान राम का विशेष पूजा पाठ किया जाता है। बता दें कि पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। विष्णु अवतार होने के कारण भगवान राम की पूजा में तुलसी और कमल का फूल अवश्य रखें। घर के पूजा स्थल में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर राम दरबार की तस्वीर या फिर मूर्ति स्थापित करें। पूजा शुरू करने के लिए भगवान की प्रतिमा पर सबसे पहले गंगाजल से छीटें दें। तांबे का कलश चावल के ढेर पर रखें और उस पर चौमुखी दीया जलाकर रखें।
ऐसे लोग राम नवमी पर भगवान राम के बाल रूप की पूजा करते है। इस दिन लोग श्री राम के बाल रूप की प्रतिमा को पालने में झुलाते हैं। ऐसा करने के बाद भगवान की आरती की जाती है। इस मौके पर भक्त विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करते हैं। और साथ में भगवान राम की मनपसंद व्यंजन की भोग लगाते है। भगवान को खीर, फल और मिष्ठान अधिक पसंद है। इसलिए राम नवमी की पूजा पर लोग इन व्यंजनों का भोग अवश्य लगाते हैं।
हिंदू धर्म ग्रथों यानी रामायण में भगवान राम और उनके तीनों भ्राताओं के जन्म से जुड़ी कहानिया अंकित है। ऐसे में रामायण ग्रंथ के अनुसार एक पौराणिक कथा बताई गई है। इसके मुताबिक राजा दशरथ अयोध्या नगरी के राजा थे उनकी तीन रानिया थी। तीनों रानियों में कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी, तीनों को जब पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई थी तो राजा दशरथ ने एक यज्ञ करवाया। प्रसाद में यज्ञ से निकली खीर को तीनों रानियों को खिला दिया गया। कुछ समय के बाद राजा दशरथ के घर में खुशखबरी सुनने को मिली यानी तीनों रानियों ने गर्भधारण किया। उसके बाद चैत्र शुक्ल नवमी के दिन कौशल्या माता ने राम, कैकयी ने भरत और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। राजा दशरथ को अब उनके उत्तराधिकारी मिल चुके थे। तब से यह तिथि राम नवमी के रूप में मनाई जाती है।
ऐसे आज चैत्र नवरात्री का समापन भी हुआ है। देश भर में राम नवमी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। खास कर अयोध्या में यह पर्व विशेष तौर पर इस साल भव्य रूप से मनाया जा रहा है। भवन राम अपने महल में 500 वर्ष बाद विराजमान हुए हैं. इस ख़ुशी में भक्त अधिक खुश हैं।