रायपुर। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में पिछले 15 दिनों बेमौसम बरसात ने किसानों को चिंता का बिषय खड़ा कर दिया है. खेतो में खड़ी चना, गेहूं, सरसों, मसूर की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. गेहूं की तैयार फसल आधे से अधिक खेतों में गिर गई है. जो फसल बचा भी है वह काला […]
रायपुर। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में पिछले 15 दिनों बेमौसम बरसात ने किसानों को चिंता का बिषय खड़ा कर दिया है. खेतो में खड़ी चना, गेहूं, सरसों, मसूर की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. गेहूं की तैयार फसल आधे से अधिक खेतों में गिर गई है. जो फसल बचा भी है वह काला हो गया है. जिससे किसानों को परेशानी बढ़ने लगी है. किसानों का कहना है कि जो फसल बचा भी है उसका सही सही रेट मिलना भी मुश्किल हो गया है. इसके बाद किसानों ने बताया कि मसूर और सरसों का फसल का यही हाल है. जो आधे से अधिक फसल खेतों में ही बर्बाद हो गई. अभी तक कृषि विभाग के कोई भी कर्मचारी या अफसर किसी भी कृषक से फसल के बारे में जानकारी नहीं लिया है, और न ही किसी प्रकार का कोई सहायता दिया गया है।
दरअसल अचानक मौसम में आए परिवर्तन और बेमौसम बरसात ने किसानों को भारी क्षति पहुंचाया है. मौसम विभाग ने बताया कि 16 मार्च से जिले में करीब 70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. वहीं विभाग ने बताया कि इस मौसम ने गर्मी की धान की फसल को जितना लाभ दिया है. उससे अधिक गेहूं की तैयार फसल को क्षति पहुंचाया है. बारिश के साथ तेज आंधी तूफान ने तो गेहूं की तैयार फसल को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है।
किसानों को फसल की क्षति का सर्वे कृषि विभाग ने अभी तक नहीं किया है. विभाग के अधिकारियों द्वारा सूचना मिला है कि शीघ्र ही नुकसान फसल का आकलन किया जाएगा. जिन किसानों ने कृषि फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया है. उन्हें बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा. जो किसान फसल बीमा नहीं करा पाए है उनको RBC 6-4 के आधार पर मदद कराने की प्रयास की जाएगी।