रायपुर। छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर बिलासपुर है. बता दें, इस शहर में साल 2018 में एयरपोर्ट की स्थापना हुई थी. लगातार संघर्ष और आंदोलन के बाद 6 दिसंबर 2018 को नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने बिलासपुर हवाई अड्डे को 2 सी- जीएफआर सार्वजनिक उपयोग के लिए हवाई अड्डे के रूप में लाइसेंस दिया। कुछ […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर बिलासपुर है. बता दें, इस शहर में साल 2018 में एयरपोर्ट की स्थापना हुई थी. लगातार संघर्ष और आंदोलन के बाद 6 दिसंबर 2018 को नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने बिलासपुर हवाई अड्डे को 2 सी- जीएफआर सार्वजनिक उपयोग के लिए हवाई अड्डे के रूप में लाइसेंस दिया। कुछ दिनों से लगातार फ्लाइट कैंसिल होने और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, संसाधन नहीं होने के कारण यहां के लोगों को हवाई यात्रा करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार बिलासपुर एयरपोर्ट भी दुर्दशाग्रस्त स्थिति में दिन गुजराने को बेहद मजबूर है. बता दें, केंद्र की मोदी सरकार का कहना है कि हवाई चप्पल पहनने वाला आम आदमी भी हवाई यात्रा कर सके. इसके तहत केंद्र की तरफ से रीजनल कनेक्टिविटी पर जोर देने की बातें भी कही गईं. लेकिन देश में कई ऐसे बदहाल एयरपोर्ट है. जहां केंद्र सरकार के सपने का मजाक उड़ाते नजर आ रहे हैं. जिसमें एक बिलासपुर के बिलासा देंवी केंवट एयरपोर्ट भी है।
पिछलें दो दिनों से लगातार हो रही जोरदार बारिश के चलते बिलासपुर की सभी फ्लाइट कैंसिल हो गईं हैं. एयरपोर्ट पर बनी छोटी रनवे पर काफी पानी भर गया है. यही वजह है कि बिलासपुर शहर के इस बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट पर शहर के आसपास के क्षेत्र में बसने वाले लोग गर्व नहीं कर पा रहे हैं. लोग एयरपोर्ट की इस बदहाली के लिए राज्य सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को कोसने में कोई कमी नहीं कर रहे हैंं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिलासपुर चकरभाठा में स्थित बिलासा देली केंवट हवाई अड्डा बीते कुछ दिनों से राजनीति और बदहाली दोनों का शिकार हो रहा है. इसके अलावा बदहाली में जो थोड़ा बहुत कसर बचा था वो भी खराब मौसम ने पूरी कर दी है।