रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में कई ऐसे पर्यटन स्थल है, जो घूमने आए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं. उन खास पर्यटन स्थलों में एक टाटामारी ईको पर्यटन स्थल है. जो इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है। खूबसूरती में लगाया चार चांद जानकारी के अनुसार यहां पर घूमने के लिए पिछले कुछ दिनों […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में कई ऐसे पर्यटन स्थल है, जो घूमने आए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं. उन खास पर्यटन स्थलों में एक टाटामारी ईको पर्यटन स्थल है. जो इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है।
जानकारी के अनुसार यहां पर घूमने के लिए पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. बता दें, कोंडागांव जिले में केशकाल घाट के कोने पर स्थित टाटामारी इको पर्यटन है. उस पर्यटन क्षेत्र में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा, कैम्पिंग और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए ट्रैकिंग रूट भी तैयार किया गया है. इस प्राकृतिक तस्वीर और वाटरफॉल की खोज करने के बाद पर्यटन सर्किट में जोड़कर इसे कुछ अलग ही नई पहचान दी गई है. जिस वजह से टाटामारी पर्यटन स्थल की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं।
यहां पर आने वाले लोगों के लिए कॉटेज और रेस्टोरेंट के साथ पर्यटकों के ठहरने का भी उत्तम व्यवस्था किया गया है. बता दें कि उन्हें यहां ठहरने के लिए कैम्पिंग, डोरमेट्री के अलावा वीआईपी (VIP) कॉटेज भी बनाकर तैयार किया गया है, जिसमें लग्जरी रूम जैसी व्यवस्था लोगों को मिलेगा. इसी चलते केशकाल घूमने आने वाले लोगों की टाटामारी पर्यटन स्थल पहली पसंद बना हुआ है।
आपको बता दें, जगदलपुर मुख्यालय से करीब 130 किमी दूरी पर केशकाल के पहाड़ियों में बने टाटामारी ईको पर्यटन स्थल हैं. जहां घूमने आने वाले को बढ़ावा देने के लिए इस पर्यटन स्थल में 10 करोड़ से रूपये अधिक खर्च की गई है. हिलस्टेशन होने के चलते यहां की नैसर्गिक खूबसूरती देखते ही बनती है. ठंड के मौसम में यानी नवम्बर से मार्च महीने में यहां का का नजारा और भी खूबसूरत हो जाता है. यही कारण है कि बस्तर घूमने आने वाले लोग टाटामारी की प्राकृतिक खूबसूरती देखने के लिए एक बार जरूर पहुंचते हैं।