रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान हो चुकी है। लगभग 80 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में 16 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया। जिनमें से 12 नक्सलियों पर 3 करोड़ 16 लाख रुपए का इनाम था। मारे गए लोगों में नक्सली सेंट्रल कमेटी का सदस्य चलपति […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान हो चुकी है। लगभग 80 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में 16 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया। जिनमें से 12 नक्सलियों पर 3 करोड़ 16 लाख रुपए का इनाम था। मारे गए लोगों में नक्सली सेंट्रल कमेटी का सदस्य चलपति भी शामिल है। अकेले चलपति पर ही 90 लाख का इनाम घोषित था।
वहीं नुआपड़ा-गरियाबंद-धमतरी डिवीजन कमेटी का प्रमुख सत्यम गावड़े भी इस एनकाउंटर में मारा गया। यह पहली बार है कि जब छत्तीसगढ़ में किसी मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी का सदस्य मारा गया है। चलपति ऊर्फ अप्पा राव गरियाबंद के भालूडिग्गी इलाके से ही 3 राज्यों में नक्सल एक्टिविटी को नियंत्रित करता था। एसपी निखिल राखेचा की पोस्टिंग के बाद जनवरी माह में तीन ऑपरेशन किए गए। 3 जनवरी को नवरंगपुर जंगलों की सीमा से लगे कांडसर के जंगल में मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया था।
इस मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने बेसराझर इलाके में ऑपरेशन चलाया। एसपी राखेचा ने बताया कि कई महीने से नक्सली कमेटी का सदस्य चलपति इसी इलाके में रह रहा था। चलपति धमतरी गरियाबंद नुआपड़ा डिवीजन कमेटी में 20 से 25 नक्सलियों के साथ सक्रिय था। पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के अतिरिक्त सामान्य मासिक बैठक की सूचना एजेंसियों से मिली थी। इसके बाद पुलिस ने नक्सल ऑपरेशन सेल के साथ रणनीति बनाई।
इस ऑपरेशन में जिला पुलिस बल के ई-30, कोबरा 207, सीआरपीएफ 65, एसटीएफ और 211 के लगभग 400 जवानों को भेजा गया। बेसराझर इलाके से होकर भालूडिग्गी पहाड़ के दक्षिणी तराई इलाके में नक्सलियों का जमावड़ा था। नक्सलियों ने यहां अपना अस्थाई डेरा बना रखा था। यह इलाका ओडिशा सीमा से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। रात के अंधेरे में 3 ओर से जवानों ने इस इलाके को घेर लिया। सर्चिंग के दरम्यान तम्बू को भी जवानों ने ध्वस्त कर दिया।
पहले के ऑपरेशन में नक्सली ओडिशा की ओर भागने लगे। ऐसे में एसपी ने 19 और 20 जनवरी तक ओडिशा के जवानों की एक टुकड़ी की सहायता ली। इस टीम ने नक्सलियों को ओडिशा आने से रोका। एसपी ने पहले के ऑपरेशन में हुई चूक को प्वाइंट आउट करने के साथ ही भौगोलिक हालातों को भी समझा फिर कार्रवाई को अंजाम दिया।