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धमतरी, कांकेर में बारिश, छत्तीसगढ़ में अभी और खराब होगा मौसम, किसानों को हो सकता है नुकसान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी और कांकेर के जिलों में बारिश हो रही है। इसका सीधा असर धान खरीदी पर होगा। किसानों को इससे नुकसान हो सकता है। इस बीच IMD ने कहा है कि प्रदेश में अभी ठंड और बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। कई जिलों में […]

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  • January 24, 2024 10:03 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

रायपुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी और कांकेर के जिलों में बारिश हो रही है। इसका सीधा असर धान खरीदी पर होगा। किसानों को इससे नुकसान हो सकता है। इस बीच IMD ने कहा है कि प्रदेश में अभी ठंड और बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है।

कई जिलों में हुई बारिश

छत्तीसगढ़ में मौसम ने अचानक करवट बदल ली हैं। यहां ठंड की मार के बीच धमतरी और कांकेर में बारिश हो रही है। 24 जनवरी की सुबह से ही यहां काले बादल छाए हुए हैं। धमतरी के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी बरसात हो रही है। इस बारिश का सीधा असर धान खरीदी पर पड़ सकता है। इस बारिश से किसानों को नुकसान हो सकता है। इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि प्रदेश में अभी ठंड और बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। प्रदेश के रायपुर, धमतरी, बलौदा-बाजार, गरियाबंद, बालोद, महासमुंद, बेमेतरा, दुर्ग, कबीरधाम, खैरागढ़-छुई खदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर चौकी, रायगढ़, जशपुर और जांजगीर में बारिश हो सकती है।

इतनी मिमी बारिश की गई दर्ज

धमतरी, कांकेर के साथ-साथ रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायपुर संभागों के कई शहरों में बारिश हुई है। जांजगीर में 0.5 एमएम, रायपुर में .8 एमएम, महासमुंद में 10.एमएम, राजनांदगांव में 7.5 एमएम, बेमेतरा में 7.5 एमएम, कांकेर में 7 एमएम, धमतरी में 3.5 में बारिश हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि कर्नाटक से एक द्रोणिका दक्षिण छत्तीसगढ़ तक आई है. इसकी ऊंचाई 0.9 किमी तक है। दूसरी ओर, बंगाल की खाड़ी से भी प्रदेश में नमी आ रही है। इस कारण से बादल छाए हुए हैं। छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट होने के आसार हैं। आने वाले दिनों में प्रदेश में ठंड बरकरार रहेगी।

किसानों की परेशानी बढ़ी

बे-मौसम बारिश ने किसानों की दिक्कतें फिर बढ़ा दी हैं। इस बारिश से दलहन तिलहन की फसलों को नुकसान होगा। वहीं साग सब्जियों पर कीट का प्रकोप बढ़ेगा। फसलों के उत्पादन पर असर तो होगा साथ ही मौसमी बिमारी का प्रकोप भी बढे़गा। मौसम वैज्ञानिक HP चंद्रा ने बताया किचक्रीय च्रकवाती घेरा मराठवाला से लगे हुए विदर्भ और तेलंगाना के ऊपर स्थित है। दक्षिण से नमि युक्त अपेक्षाकृत गर्म हवा आ रही है। उत्तर से ठंडी और शुष्क हवा आ रही है। जिसका संमिलन क्षेत्र छत्तीसगढ़ है, इसलिए बारिश हो रही है।


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