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Anaemia Free Campaign:छत्तीसगढ़ ने तोड़े सारे रिकार्ड बना अव्वल, एनीमिया मुक्त अभियान में मारी बाजी

रायपुर।छत्तीसगढ़ सरकार का एनीमिया मुक्त अभियान का संकल्प कारगर साबित हो रहा है। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चों, शिशुवती, किशोरों, गर्भवती महिलाओं को आइएफए (आयरन फोलिक एसिड) सप्लीमेंटेशन उपलब्ध कराने में प्रदेश पहले स्थान पर रहा । दूसरे स्थान पर गोवा और तीसरे स्थान पर चंडीगढ़ रहा। रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ पहले पर […]

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Chhattisgarh broke all records and became the leader in the anaemia free campaign
  • July 10, 2024 6:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

रायपुर।छत्तीसगढ़ सरकार का एनीमिया मुक्त अभियान का संकल्प कारगर साबित हो रहा है। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चों, शिशुवती, किशोरों, गर्भवती महिलाओं को आइएफए (आयरन फोलिक एसिड) सप्लीमेंटेशन उपलब्ध कराने में प्रदेश पहले स्थान पर रहा । दूसरे स्थान पर गोवा और तीसरे स्थान पर चंडीगढ़ रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ पहले पर रहा

अभियान के तहत छह माह से 19 वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती व छोटे बच्चे वाली महिलाओं को आइएफए की खुराक दी जाती है। मितानिनों की ओर से छोटे बच्चों और गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को सिरप और टेबलेट प्रदान की जाती है। साथ ही स्कूलों में बच्चों को आइएफए की दवाइयां दी जाती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आइएफए सप्लीमेंटेशन की रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक देश में छत्तीसगढ़ का स्थान पहला है। इससे पहले देश में छत्तीसगढ़ का स्थान तीसरा था। साल 2022 में राज्य छठवें स्थान पर था।

केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आइएफए सप्लीमेंटेशन का स्कोर कार्ड जारी किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए राज्य पहले स्थान पर है। आइएफए सप्लीमेंटेशन द्वारा जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक प्रदेश में छह माह से 59 माह के 74.10 प्रतिशत बच्चों को और छह वर्ष से नौ वर्ष के 91.60 प्रतिशत बच्चों को आइएफए सप्लीमेंटेशन दिया गया है।


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