रायपुर। बीजापुर जिले के तेलंगाना सीमा से सटे कर्रेगुट्टा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ा गया। हिड़मा समेत शीर्ष माओवादी नेताओं की मौजूदगी की खबर पर अभियान चलाया गया। अभियान के केंद्र में कुख्यात माओवादी हिड़मा है, जिसे ढेर करने के लिए छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के जवानों के दस हजार से […]
रायपुर। बीजापुर जिले के तेलंगाना सीमा से सटे कर्रेगुट्टा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ा गया। हिड़मा समेत शीर्ष माओवादी नेताओं की मौजूदगी की खबर पर अभियान चलाया गया। अभियान के केंद्र में कुख्यात माओवादी हिड़मा है, जिसे ढेर करने के लिए छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के जवानों के दस हजार से अधिक सैनिक बीते सोमवार से अभियान पर हैं।
अभियान के 72 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई। आधिकारिक सूचना के मुताबिक गुरुवार की सुबह साढ़े 9 बजे कर्रेगुट्टा की पहाड़ी के पास हुए मुठभेड़ में तीन महिला माओवादी को ढेर कर दियागया। मारे गए माओवादी हिड़मा की बटालियन के सदस्य हैं। इन माओवादी के शव के पास हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने इस अभियान को माओवादियों के विरुद्ध एक निर्णायक लड़ाई बताया और कहा कि मुलुगु जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में माओवादियों की मौजूदगी की खबर मिली थी।
इंटेलिजेंस के मुताबिक मोस्ट वांटेड माओवादी नंबल्ला केशव राव उर्फ बसव राजू, चंद्रन्ना हिड़मा समेत माओवादियों की बटालियन की सूचना मिली थी। इसके बाद तीन राज्यों की ओर से एक संयुक्त अभियान चलाया गया। शीर्ष माओवादियों की उपस्थिति पर छेड़े गए अभियान में एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) के सेटेलाइट से लाइव सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों की टीम अभियान को आगे बढ़ा रही है।
उपग्रह के साथ ही 20 से ज्यादा यूएवी, ड्रोन की सहायता से माओवादियों की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए अभियान जारी है। तेलंगाना के चेरला में वायुसेना का लांच पैड बनाया गया है, जहां से सेना के दो हेलीकाप्टर से भी माओवादियों पर आसमानी हमला किया जा रहा है।