रायपुर। जैन धर्म में महावीर जयंती का बहुत महत्व होता है। इस पावन पर्व को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भगवान महावीर जैन धर्म के आखिरी आध्यात्मिक लीडर थे। भगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार की धरती पर हुआ था। भगवान महावीर रानी त्रिशला और राजा सिद्धार्थ के […]
रायपुर। जैन धर्म में महावीर जयंती का बहुत महत्व होता है। इस पावन पर्व को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भगवान महावीर जैन धर्म के आखिरी आध्यात्मिक लीडर थे। भगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार की धरती पर हुआ था। भगवान महावीर रानी त्रिशला और राजा सिद्धार्थ के बेटे थे। 30 साल की उम्र में उन्होंने सब कुछ त्यागकर आध्यात्मिक का रास्ता अपना लिया।
जैन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है महावीर जयंती। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर महावीर जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति के साथ जुलूस निकाला जाता है। साथ ही धार्मिक गीत गाए जाते हैं। इस साल 10 अप्रैल, गुरुवार को भगवान महावीर जयंती मनाई जा रही है। इस पर्व को जैन समुदाय के लोग बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं।
महावीर जयंती के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 9 अप्रैल 2025 को सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी। इस मुहूर्त में भगवान महावीर की विधिपूर्वक पूजा की जाएगी। वहीं इस शुभ मुहूर्त की समाप्ति 11 अप्रैल 2025 को 1 बजे समाप्त होगी। अहिंसा, ईमानदारी, सत्य, ब्रह्मचर्य, गैर भौतिक चीजों से दूरी। महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लोग व्रत रखते हैं। साथ ही जैन ग्रंथों का पाठ करते हैं। अहिंसा और शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देते हैं।
इसके लिए वह कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। महावीर जयंती का जैन धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है बल्कि मानवता, शांति और नैतिक जीवन को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम है।