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आज से खुले केदारनाथ धाम के कपाट, बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु

रायपुर। उत्तराखंड के चारधाम में से एक केदारनाथ धाम के द्वार आज से खोले जा रहे हैं। श्रद्धालु शुक्रवार यानी आज से धाम में आराधना कर सकते हैं। केदारनाथ धाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। बाबा केदारनाथ के कपाट हर साल शीतकाल में भारी बर्फबारी की वजह से बंद कर दिए […]

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Kedarnath Dham Opening
  • May 2, 2025 12:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 hours ago

रायपुर। उत्तराखंड के चारधाम में से एक केदारनाथ धाम के द्वार आज से खोले जा रहे हैं। श्रद्धालु शुक्रवार यानी आज से धाम में आराधना कर सकते हैं। केदारनाथ धाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। बाबा केदारनाथ के कपाट हर साल शीतकाल में भारी बर्फबारी की वजह से बंद कर दिए जाते हैं।

7 बजे खुले मंदिर के कपाट

ग्रीष्म ऋतु के आने के साथ ही केदारनाथ के कपाट खुलते हैं। बाबा केदारनाथ अपने भक्तों को आशीर्वाद देने आते हैं। आइए जानते हैं कि इस बार बाबा केदारनाथ धाम के द्वार खुलने का समय क्या है? बाबा के दरबार में दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस बार केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई यानी आज से खोल जाएंगे। सुबह 7 बजे ही कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। इस खास अवसर पर भक्त बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। मंदिर परिसर में जयकारों की गूंज और ढोल-नगाड़ों की मधुर ध्वनि से मंदिर गूंज उठा।

मंदिर को 108 क्विंटल से सजाया गया

इस साल केदारनाथ मंदिर को खास तरीके से सजाया गया है। मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इसका नजारा देखते ही बनता है। मंदिर की इस आकर्षक सजावट को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। रंग-बिरंगे फूलों की सुगंध और भव्यता मंदिर को और भी दिव्य बना रही है। कपाट खुलने से पहले बाबा केदारनाथ की पवित्र डोली निकाली जाती है। 27 अप्रैल को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ जी की पूजा के साथ इस यात्रा की शुरुआत हुई थी। इसके बाद बाबा केदार की डोली ने केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई।

मंदिर को पुरानी विधि से खोला जाता है

बाबा केदार की डोली 28 अप्रैल को गुप्तकाशी पहुंची। गुप्तकाशी से निकलने के बाद 29 अप्रैल को फाटा और 30 अप्रैल को गौरीकुंड पहुंची। 1 मई को बाबा केदार की डोली केदारनाथ पहुंची। केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने की विधि पुरानी परंपराओं के मुताबिक निश्चित की जाती है। द्वार खोले जाने के समय मंदिर परिसर में मौजूद भक्त बाबा के जयकारे लगाते हैं। साथ ही ढोल नगाड़े बजाकर खुशी मनाते हैं। इसके बाद भक्तों को बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए अंदर भेजा जाता है।


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