रायपुर। देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 जनवरी 2024 गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर इस साल छत्तीसगढ़ से तैयार झांकी आदिवासी अंचल जगदलपुर की मुरिया दरबार की है। इस झांकी के सामने छत्तीसगढ़ की 16 बेटियां पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुति करेगी। नई-दिल्ली में कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड के लिए 28 […]
रायपुर। देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 जनवरी 2024 गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर इस साल छत्तीसगढ़ से तैयार झांकी आदिवासी अंचल जगदलपुर की मुरिया दरबार की है। इस झांकी के सामने छत्तीसगढ़ की 16 बेटियां पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुति करेगी। नई-दिल्ली में कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड के लिए 28 राज्यों में से 16 राज्यों का चयन किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ भी परचंम लहराने जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के प्रख्यात लोक वाद्य संग्राहक और लोक कलाकार रिखी क्षत्रिय ने बताया कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह पर छत्तीसगढ़ की तरफ से बस्तर की आदिम जनसंसद पर आधारित झांकी को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। अपनी 17 सदस्य की टीम के साथ रिखी क्षत्रिय दुर्ग से दिल्ली पहुंच चुके हैं। इस दौरान उनकी उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री साय ने रेलवे स्टेशन पर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी कलाकारों से बात की और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्रस्तुत करने के लिए उन्हें शुभकामनाएं व बधाई दी।
गणतंत्र दिवस की झांकी के साथ ही सामने छत्तीसगढ़ की बेटियां छत्तीसगढ़ संस्कृति, कला को प्रदर्शित करने यह नृत्य तैयार किया गया है। झांकी में टीम मुरिया जनजाति का परब नृत्य करते नजर आएंगी। रिखी क्षत्रिय ने बताया की नृत्य के लिए उनको ही जिम्मेदारी दी गई है। झांकी के सामने नृत्य करने वाले टीम में 17 सदस्य शामिल रहेगें। इनमें 11 भिलाई से हैं। रिखीराम क्षत्रिय और उनकी टीम के लोग भिलाई से है।
रिखी क्षत्रिय ने बताया कि देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार को झांकी के लिए चयनित किया गया है। भारत सरकार की थीम भारत लोकतंत्र की जननी पर आधारित है। इस झांकी में केंद्रीय विषय आदिम जन-संसद के अंतर्गत जगदलपुर के मुरिया दरबार और उसके उद्गम-सूत्र लिमऊ-राजा को दर्शाया गया है. बता दे की मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है। जो कि 600 वर्षों से चली आ रही है