रायपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश की। इसके बाद से छत्तीसगढ़ में वित्त बजट को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। मामले में सत्तापक्ष कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी दोनों हमलावर हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस […]
रायपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश की। इसके बाद से छत्तीसगढ़ में वित्त बजट को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। मामले में सत्तापक्ष कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी दोनों हमलावर हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री इसे चुनावी बजट बता रहे है तो वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह इस बजट को आगामी चुनाव के लिए ट्रंप कार्ड बता रहे है।
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-‘इसे निर्मलाजी का निर्मम बजट कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बजट में न युवाओं के लिए कोई सुविधा है, न किसानों की आय दोगुना करने की बात है, न ही महिलाओं के लिए कुछ है। यह बजट केवल चुनाव को देखते हुए बनाया गया है। इसमें महंगाई और बेरोजगारी को कम करने की कोई व्यवस्था नहीं है। नए लोगों को कैसे रोजगार मिलेगा,इसमें कुछ नहीं है। जितनी भी खाद्य सामग्री है, वो महंगी हो गई है। बजट में श्री अन्न की बात कही गई, कोदो-कुटकी, सांवा तक की बात कही गई, लेकिन इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) भारत सरकार ने आज तक घोषित नहीं किया। समर्थन मूल्य पर खरीदने की भी कोई बात किसानों के लिए नहीं कही गई।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुबह बजट को लेकर ट्वीट किया कि आंकड़ों पर नजर डालिए तो पता चल जाएगा। दरअसल, ‘अमृतकाल’ में देश में कथित ‘ऐतिहासिक विकास’ का दावा असत्य है। वास्तविकता यह है कि यूपीए के 10 वर्ष के कार्यकाल में जीडीपी की औसत वार्षिक वृद्धि दर, एनडीए के विगत 9 साल के कार्यकाल की तुलना में अधिक रही है। जैसे 2019 से 2022 के बीच कोविड संकट आया था, वैसे ही 2006 से 2008 के बीच वैश्विक मंदी भी आयी थी। लेकिन डॉ मनमोहन सिंह जी के कुशल आर्थिक प्रबंधन के कारण GDP की वृद्धि दर पर प्रभाव नहीं पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने केंद्रीय बजट को भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप बजट बताया है।
उन्होंने कहा कि यह ऐसा लोकप्रिय बजट है कि आने वाले चुनाव में ट्रंप कार्ड साबित होगा, इसलिए कांग्रेस निराश हैं। गरीब, मध्यमवर्गीय परिवार को आवास से शुरू करके महिलाओं के लिए चिंता करते हुए मध्यमवर्गीय पेशे में जो छोटी-छोटी सर्विस करते हैं, उन्हें सात लाख तक की छूट की व्यवस्था की गई है। अमृतकाल में भारत और तेजी के साथ कैसे विकास करेगा। इस बजट की सबसे बड़ी बात यही है कि यह सर्वग्राही और सर्वस्पर्शी बजट के रूप में है। यह मध्यमवर्गीय परिवार का बजट है।