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Chhattisgarh News: बस्तर में अब तक नहीं शुरु हुआ ट्रॉमा सेंटर, लंबे समय से बस्तरवासी कर रहे मांग

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर की मांग पूरी होती दिखाई नहीं दे रही। जिसके कारण बस्तरवासियों के और नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल ट्रॉमा सेंटर नहीं होने के कारण पुलिस नक्सली मुठभेड़ में और आईईडी ब्लास्ट […]

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Trauma center has not yet started in Bastar
  • November 28, 2023 2:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर की मांग पूरी होती दिखाई नहीं दे रही। जिसके कारण बस्तरवासियों के और नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल ट्रॉमा सेंटर नहीं होने के कारण पुलिस नक्सली मुठभेड़ में और आईईडी ब्लास्ट में घायल जवानों को रायपुर रेफर करना पड़ता है, लेकिन इस दौरान कई जवान बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। बता दें कि पिछले कुछ सालों से डिमरापाल अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर भवन तो बना दिया गया लेकिन अब तक इसे शुरू नहीं किया गया है।

मेडिकल उपकरणों का भी अभाव

यही नहीं अब तक यहां पर मेडिकल उपकरण भी नहीं लगाए गए हैं। हालांकि, मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के दौरे पर पहुंचे बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने ट्रॉमा सेंटर को शुरू करने का आदेश दिए है। फिलहाल इस ट्रॉमा सेंटर में घायलों को उपचार कब से मिल पाएगा इसे लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है।

स्वास्थ्य सुविधा दुरुस्त करने की घोषणा

दरअसल, बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्र में सबसे स्वास्थ्य सुविधा को दुरुस्त करने के लिए पिछली सरकार ने बस्तर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर शुरु करने घोषणा की थी। हालांकि, यह सौगात इस कार्यकाल में पूरी नहीं हो पाई। अब ऐसा माना जा रहा है कि इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर भवन का निर्माण पूरा हो चुका है और जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी।

जवानों को उठानी पड़ रही तकलीफ

गौरतलब है कि बस्तर क्षेत्र पिछले तीन दशकों से नक्सलवाद को झेल रहा है। यहां एक लाख से ज्यादा अर्धसैनिक बल नक्सल मोर्चे पर तैनात किए गए हैं। यही नहीं आए दिन नक्सलियों से मुठभेड़ में जवान घायल होते हैं। ऐसे में उन्हें केवल पुलिस कैंप में ही प्रथमिक उपचार मिल पाता है। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया जाता है और वहां भी बेहतर इलाज नहीं मिल पाने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से राजधानी रायपुर रेफर किया जाता है।


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