रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यहां की कोंटा विधानसभा सीट पर पिछले 20 सालों से कांग्रेस के कवासी लखमा का एकाधिकार रहा है। बताया जा रहा है कि साल 2003 से कवासी लखमा ही इस सीट से चुने जाते रहे हैं। हालांकि 2023 का चुनावी माहौल काफी बदला हुआ है। […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यहां की कोंटा विधानसभा सीट पर पिछले 20 सालों से कांग्रेस के कवासी लखमा का एकाधिकार रहा है। बताया जा रहा है कि साल 2003 से कवासी लखमा ही इस सीट से चुने जाते रहे हैं। हालांकि 2023 का चुनावी माहौल काफी बदला हुआ है। अब ऐसे में कोंटा के मतदाताओं का रुख किस ओर है, यह तो चुनाव के परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा। बता दें कि प्रदेश में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होना है। जिसमें 7 और 17 नवंबर को छत्तीसगढ़ के मतदाता वोट डालेंगे।
छत्तीसगढ़ की कोंटा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कवासी लखमा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी धनीराम बरसे को चुनाव मैदान में मात दी थी। इस दौरान लखमा ने 6000 से अधिक मत प्राप्त करके भाजपा के उम्मीदवारों को धूल चटाई थी।
कोंटा विधानसभा सीट के लिए हुए चुनाव में कवासी लखमा को 31,933 मत मिले थे। कवासी लखमा के सामने चुनावी मैदान में उतरे थे भाजपा के धनीराम बारसे, जिन्हें 25,224 मत मिल सके थे। वहीं अगर साल 2013 के चुनाव की बात करें, तो उस समय भी कवासी लखमा और धनीराम बरसे के बीच ही मुकाबला हुआ था। इसमें भी कांग्रेसी प्रत्याशी ने 5,786 वोटों से जीत दर्ज कराई थी।