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छत्तीसगढ़ : रायपुर में हुआ ईसाई आदिवासी महासभा का आयोजन

रायपुर : बीते शनिवार को प्रदेश की राजधानी में ईसाई आदिवासी महासभा ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सरगुजा, जशपुर जैसे अलग-अलग हिस्सों से ऐसे आदिवासी पहुंचे थे जो अब ईसाई धर्म को मानते हैं। कार्यक्रम में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रवक्ताओं ने मंच से आरएसएस और हिंदूवादी […]

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  • June 11, 2023 8:20 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

रायपुर : बीते शनिवार को प्रदेश की राजधानी में ईसाई आदिवासी महासभा ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सरगुजा, जशपुर जैसे अलग-अलग हिस्सों से ऐसे आदिवासी पहुंचे थे जो अब ईसाई धर्म को मानते हैं। कार्यक्रम में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रवक्ताओं ने मंच से आरएसएस और हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ बात की।

क्या था महासभा का मकसद

जिला प्रशासन के अफसरों को ईसाई आदिवासी महासभा के पदाधिकारियों ने एक ज्ञापन भी सौंपा। इस सभा का मकसद डीलिस्टिंग की उठ रही मांगों को निरस्त करना है। इस संबंध में एक वक्ता ने तो कह दिया कि आपको शूद्र मानने की RSS की रणनीति है ।

संविधान बनवाने में अंग्रेजों की भूमिका

वक्ता ये कहते हुए भी दिखे कि भारत का संविधान बनवाने में अंग्रेजों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सुधार ईसाइयों की वजह से हुए हैं।

क्या बोले महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ?

प्रदेश अध्यक्ष का यह कहना कि धर्मांतरण हो रहा ये कहना सही नहीं है। ईसाई समुदाय की जनसंख्या बढ़ रही है इसलिए ईसाई बढ़ रहे हैं,चर्च बढ़ रहे। ऐसा नहीं की लोग धर्म बदलकर ईसाई बन रहे हैं। यह कार्यक्रम हम डीलिस्टिंग की मांग को खारिज करने के विरोध में कर रहे हैं। यदि कोई आदिवासी ईसाई या इस्लाम धर्म को मानने लगे तो संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कि उसे डीलिस्ट कर दिया जाए।


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