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छत्तीसगढ़: कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने किए बम्लेश्वरी देवी के दर्शन, मीडिया से बातचीत के दौरान कही ये बात

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे आज राजनांद गांव जिले के दौरे पर गए थे जहां डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में सपरिवार उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से 20 […]

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Agriculture Minister Ravindra Choubey
  • March 25, 2023 2:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे आज राजनांद गांव जिले के दौरे पर गए थे जहां डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में सपरिवार उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी के मामले को लेकर पत्रकारों से बातचीत की।

मां बम्लेश्वरी देवी की अराधना की

आपको बता दें कि रविंद्र चौबे सपरिवार नवरात्र के तीसरे दिन राजनांद गांव जिले के धर्मनगरी डोंगरगढ़ पहुंचे जहां उन्होंने विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी देवी की पूजा अर्चना कर देश के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना की। वहीं मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि वे माता के दर्शन करने डोंगरगढ़ आए हैं। वहीं सीएम द्वारा किसानों के लिए विधानसभा में किए गए ऐलान पर मंत्री चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में हमारे किसानों के लिए यह एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी फैसला है। किसी भी सरकार द्वारा हिंदुस्तान में धान पर इतनी राशि नहीं दी जाती। जो लोग कहते हैं कि भूपेश है तो विश्वास है उस पर सीएम खरे उतरे हैं।

मंत्री रविंद्र चौबे ने कही ये बात

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता समाप्त किए जाने पर मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि राहुल गांधी देश में कांग्रेस के सबसे बड़े लीडर हैं कल माननीय न्यायालय ने उनके विरूद्ध 2 साल के कन्वैक्शन का आदेश जारी कर दिया और आज लोकसभा सचिवालय के द्वारा जिस तरीके से आनन-फानन में उनके खिलाफ सदस्यता समाप्त करने का फैसला दिया गया. इस पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि यह जल्दबाजी का निर्णय है, छोटे से छोटे फैसले में सामने वाले को अपना पक्ष रखने का समय दिया जाता है. यह लोकतंत्र का हनन है, उनके खिलाफ जो फैसला लिया गया है, वह अलोकतांत्रिक और अप्रजातांत्रिक सिद्ध होता है।


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