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Baloda Bazar Hinsa: सरकार की बड़ी कार्रवाई,कलेक्टर और एसपी को किया सस्पेंड

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार हिंसा मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। दो दिन पहले जिले के कलेक्टर और एसपी को पद से हटाने के बाद अब दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। सरकार ने बलौदा बाजार के तत्कालीन कलेक्टर के.एल. चौहान और एसपी सदानंद कुमार पर बड़ा एक्शन लिया है। बता […]

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Baloda Bazar Violence: Big action by the government, Collector and SP suspended
  • June 14, 2024 4:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार हिंसा मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। दो दिन पहले जिले के कलेक्टर और एसपी को पद से हटाने के बाद अब दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। सरकार ने बलौदा बाजार के तत्कालीन कलेक्टर के.एल. चौहान और एसपी सदानंद कुमार पर बड़ा एक्शन लिया है। बता दें कि 12 जून को दोनों को उनके पद से हटाकर दीपक सोनी को नया कलेक्टर और विजय अग्रवाल को नया एसपी बनाया गया था। दोनों पर लापरवाही बरतने को लेकर सस्पेड करने की कार्रवाई हुई हैं।

भीड़ के हिंसक होने पर बाजार को बंद कर दिया गया

बता दें कि छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में 10 जून को हिंसा भड़क उठी थी। अज्ञात आरोपियों द्वारा धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ से नाराज सतनामी समाज के लोग विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक हो गए थे। उन्होंने पहले जिला कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस में पत्थरबाजी की और फिर बाद में कार्यालय में आग लगा दी थी। आक्रोशित लोगों ने 100 से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इस हिंसक प्रदर्शन में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को चोट आई थी। वहीं हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाजार की सभी दुकानें बंद कर दी गई थीं और पुलिस ने धारा 144 लगाकर भीड़ पर कंट्रोल किया था। इस दौरान पुलिस ने 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था।

8 जून को हुई पुलिस और समुदाय के बीच बैठक

बीते 15 मई की रात गिरौदपुरी में सतनामी समाज के तीर्थ स्थल ‘अमर गुफा’ के जैतखाम को अज्ञात आरोपियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को को गिरफ्तार भी किया। हालांकि नाराज प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस ने असली आरोपियों को नहीं पकड़ा है और वो दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। इसको लेकर 8 जून को कलेक्टर और सतनामी समाज के लोगों के बीच बैठक हुई थी। उसके बाद 9 जून को गृहमंत्री विजय शर्मा की ओर से घटना के न्यायिक जांच के आदेश दिए गए थे। इसके बाद समाज के लोगों ने 10 जून को दशहरा मैदान में प्रदर्शन की अनुमति मांगी, लेकिन प्रदर्शन के दौरान लोग पुलिस के रवैये से उग्र हो गए थे। जिससे हालातऔर बिगड़ गए।


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