रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 70 साल की महिला ओम बाई बघेल ने राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाई है। ओम बाई ने न्याय की गुहार लगाते हुए राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा है। ओम बाई ने अपने खून भरे पत्र में जमीन विवाद की बात कही है। 70 साल की ओम बाई […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 70 साल की महिला ओम बाई बघेल ने राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाई है। ओम बाई ने न्याय की गुहार लगाते हुए राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा है। ओम बाई ने अपने खून भरे पत्र में जमीन विवाद की बात कही है। 70 साल की ओम बाई का मामला जमीन विवाद से जुड़ा है।
हर जगह गुहार लगाने पर निराशा ही हाथ लगी। न्याय न मिलने से निराश होकर महिला ने राष्ट्रपति से न्याय की गुहार की। छुरा ब्लॉक के निवासी ओम बाई गंभीर टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं। वह लंबे समय से अपनी पुश्तैनी जमीन केलिए लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन उन्हें कहीं से भी सफलता नहीं मिल पाई है। हार मानकर उन्होंने यह कदम उठाने के बारे में सोचा। पुश्तैनी जमीन को लेकर गांव के संतोष सारडा के साथ उनका विवाद है।
महिला ने बताया कि इस जमीन पर उनके पूर्वजों की परंपरागत समाधि (मठ) बनी थी, जिसे संतोष सारडा ने जबरन तोड़ दिया और जमीन अपने कब्जे में ले ली। ओम बाई का आरोप है कि मठ तोड़ते समय जब महिला ने इसका विरोध किया तो उसके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया। उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया। प्रशासन से इस मामले की कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में उन्होंने यह फैसला लिया कि वह राष्ट्रपति को खून से चिट्ठी लिखेंगी। वह एक पैथोलॉजी लैब गईं। वहां से खून निकलवाकर एक डिब्बी में भरा। उसी खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा।