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Jagannath Rath Yatra: 108 कलश जल, पंचामृत और गंगाजल से किया जाएगा महाप्रभु जगन्नाथ का जलाभिषेक

रायपुर। रथयात्रा(Jagannath Rath Yatra) 7 जुलाई को है। इसके पहले, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर महाप्रभु भगवान जगन्नाथ 22 जून को 108 कलश जल,पंचामृत और गंगाजल से स्नान किया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इस स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाएंगे और 15 दिनों के विश्राम के बाद रथयात्रा के दिन पुनः भक्तों को दर्शन देंगे। […]

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Jagannath Rath Yatra: Jalabhishek of Mahaprabhu Jagannath will be done with 108 Kalash water, Panchamrit and Ganga water.
  • June 13, 2024 1:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

रायपुर। रथयात्रा(Jagannath Rath Yatra) 7 जुलाई को है। इसके पहले, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर महाप्रभु भगवान जगन्नाथ 22 जून को 108 कलश जल,पंचामृत और गंगाजल से स्नान किया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इस स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाएंगे और 15 दिनों के विश्राम के बाद रथयात्रा के दिन पुनः भक्तों को दर्शन देंगे।

जगन्नाथ स्नान व रथयात्रा के लिए उत्साहित लोग

रथयात्रा के लिए तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है और भक्तजन भगवान जगन्नाथ के भव्य स्नान और आगामी रथयात्रा के उत्सव को लेकर उत्साहित हैं। इस पवित्र अवसर पर रेलवे कॉलोनी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे होकर महाप्रभु के दर्शन और उनकी आराधना करेंगे। बिलासपुर में भक्तों का उत्साह चरम सीमा पर है। शहर में विभिन्न जगहों पर अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। भक्तजन भगवान जगन्नाथ के भव्य स्नान और आगामी रथयात्रा के उत्सव को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस पवित्र अवसर पर, बिलासपुर के श्रद्धालु महाप्रभु के दर्शन करने की तैयारी में हैं। वहीं मंदिर में विशेष तरह के आयोजन होंगे। रेलवे परीक्षेत्र स्थित श्रीजगनाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ को महास्नान 22 जून को कराया जाएगा। सुबह आठ बजे से पूजा से महाप्रभु की पूजा- अर्चना प्रारंभ हो जाएगी।

7 जुलाई को निकाली जाएगी रथ यात्रा

स्नान के बाद महाप्रभु बीमार हो जाएंगे और उनका जड़ी बूटी से उपचार किया जाएगा। इसके बाद भोग का वितरण शुरू होगा। मंदिर के पट 15 दिनों के लिए बंद हो जाएगा ताकि महाप्रभु 15 दिनों तक आराम करें। वहीं, महास्नान के बाद महाप्रभु के मंदिर का पट अमावस्या पांच जुलाई तक बंद रहेगा। इसके बाद छह जुलाई को नेत्रोत्सव के साथ मंदिर का पट खुलेगा। सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक पूजा-अर्चना होगी। भगवान भक्तों को दर्शन देंगे। सात जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी।


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