रायपुर : आज सोमवार 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र शुरू है। सत्र की शुरआत में नए सांसदों को शपथ दिलाई गई है। वहीं सबसे अहम चुनाव 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष के लिए होना है। तो ऐसे में जानते हैं यह चुनाव इतना अहम क्यों हैं और इसका चुनाव कैसे होता […]
रायपुर : आज सोमवार 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र शुरू है। सत्र की शुरआत में नए सांसदों को शपथ दिलाई गई है। वहीं सबसे अहम चुनाव 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष के लिए होना है। तो ऐसे में जानते हैं यह चुनाव इतना अहम क्यों हैं और इसका चुनाव कैसे होता है।
बता दें कि 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष भाजपा सांसद ओम बिरला थे। लेकिन पिछली लोकसभा अध्यक्ष का कार्यकाल नई लोकसभा के पहले सत्र तक ही होता है। इसलिए अब 18वीं लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले रास्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता एवं सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई है।
संविधान के अनुच्छेद 93 के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है. सांसद अपने में से दो सांसदों को सभापति और उप-सभापति चुनते हैं. बता दें कि सदस्यों को इस लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पहले प्रत्याशियों को समर्थन का नोटिस जमा करना होता है।
चुनाव वाले दिन, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव साधारण बहुमत के माध्यम से किया जाता है. यानी जिस प्रत्याशी को उस दिन लोकसभा में मौजूद आधे से अधिक सांसद वोट देते हैं, उसे लोकसभा अध्यक्ष बनाया जाता है.
इसके साथ लोकसभा अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए किसी अन्य शर्त या योग्यता को पूरा करना अनिवार्य नहीं है. लेकिन जो व्यक्ति अध्यक्ष होता है उसे सदन के कामकाज, उसके नियमों, देश के संविधान और कानूनों के बारे में पता होना ज़रूरी है. वहीं बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए ज़िम्मेदार होता है. इसलिए इस पद को काफी अहम माना जाता है. इसके साथ बता दें कि आजादी के बाद का इतिहास देखे तो मीरा कुमार पहली महिला लोकसभा स्पीकर थी। उनके बाद भाजपा की सुमित्रा महाजन 16वीं लोकसभा की अध्यक्ष बनीं.