Advertisement
  • होम
  • चुनाव
  • Chhattisgarh Election Results 2023: आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस जीती हुई बाजी भी हार गई

Chhattisgarh Election Results 2023: आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस जीती हुई बाजी भी हार गई

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जिस बड़ी जीत का दावा किया जा रहा था वह शुरुआती रुझान के साथ ही कमजोर पड़ने लगा। जिसके बाद ये मतगणना का रुझान बीजेपी की तरफ बढ़ना शुरु हो गया और ये साफ हो गया कि बीजेपी अच्छी बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है। इस जीत ने […]

Advertisement
Bhupesh Baghel
  • December 3, 2023 6:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जिस बड़ी जीत का दावा किया जा रहा था वह शुरुआती रुझान के साथ ही कमजोर पड़ने लगा। जिसके बाद ये मतगणना का रुझान बीजेपी की तरफ बढ़ना शुरु हो गया और ये साफ हो गया कि बीजेपी अच्छी बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है। इस जीत ने एक्जिट पोल के दावों की तो पोल खोली साथ ही कांग्रेस के खेमे को भी हैरान कर दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस ने जीती हुई बाजी गंवा दी।

आखिर क्यों हारी कांग्रेस

इस समय मतगणना का रुझान बीजेपी की तरफ है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी तीन राज्यों में बढ़त बनाती दिखाई दे रही है। ऐसे में बीजेपी में जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के पीछे कई कारण देखे जा सकते हैं-

महादेव सट्टेबाजी ऐप

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महादेव सट्टेबाजी ऐप का मामला सामने आया था। जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर लगातार हमला किया। इसकी वजह से प्रदेश का सियासी तापमान भी बढ़ गया। दरअसल, ये महादेव सट्‌टेबाजी ऐप का मामला पिछले कुछ महीनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में सीएम भूपेश बघेल का भी नाम जुड़ा था जिससे जनता के बीच कांग्रेस सरकार की छवि को कमजोर पड़ने लगी।

योजनाओं का सही से लागू न होना

कांग्रेस की हार को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भूपेश बघेल सरकार ने कुछ अच्छी योजनाएं लागू की लेकिन उन्हें जमीनी स्तर पर कुशलता से लागू नहीं किया जा सका। यही नहीं इन योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार के कुछ मामले सामने आए जिससे बघेल सरकार की कार्यकुशलता पर सवाल उठाए जाने लगे।

प्रदेश कांग्रेस के बीच टकराव

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाने में देर की गई। इसके साथ ही पार्टी के अदंर लगातार खेमेबाजी की खबरें भी आती रहीं। जिसपर समय रहते नहीं लगाया गया। इस कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं दिखाई दिया।

ED के द्वारा लगातार की गई छापेमारी

छत्तीसगढ़ में लगातार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी चलती रही। पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नेता लगातार भ्रष्टाचारा का मुद्दा उठा रहे थे। इस दौरान ईडी की छापेमारी के कारण जनता में ये संदेश फैल गया कि प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार का माहौल है। इसके कारण कांग्रेस सरकार के लिए लोगों के मन में अविश्वास की जड़ें और भी गहरी होती चली गई।

बीजेपी ने किया संगठित चुनाव प्रचार

ऐसा देखा गया कि चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद से भूपेश बघेल अति आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार की रणनीति पर पूरा ध्यान लगाया और प्रदेश कांग्रेस और नेताओं पर जमकर हमला किया। इस बीच बीजेपी का चुनाव प्रचार बेहद संगठित था और कार्यकर्ताओं ने भी पूरी मेहनत झोंक दी और नतीजा बीजेपी के पक्ष में रहा।


Advertisement