रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को संपन्न हुए। जिसके बाद से सभी को इसके नतीजों का इंतजार है। ऐसे में लगातार ये सवाल बना हुआ है कि क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार दोबारा सत्ता की कमान हासिल करेगी या फिर बीजेपी के हाथ में […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को संपन्न हुए। जिसके बाद से सभी को इसके नतीजों का इंतजार है। ऐसे में लगातार ये सवाल बना हुआ है कि क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार दोबारा सत्ता की कमान हासिल करेगी या फिर बीजेपी के हाथ में सत्ता लौटेगी? फिलहाल, इसका अंतिम परिणाम तो 3 दिसंबर को ही घोषित होगा, जब छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों की मतगणना पूरी हो जाएगी। इस समय सभी राजनीतिक दलों की किस्मत का फैसला EVM में कैद है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का पांच साल का कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को समाप्त हो जाएगा। नई विधानसभा के लिए 7 नवंबर 2023 और 17 नवंबर 2023 को मतदान कराया गया। इससे पहले, छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव साल 2018 में हुए थे। उस वक्त जनता ने कांग्रेस को चुना और भूपेश बघेल ने सरकार बनाई। वहीं इस साल छ्त्तीसगढ़ में वोटिंग टर्नआउट 76.31 प्रतिशत रहा, जो कि एक अच्छा रेट समझा जाता है। यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 78 प्रतिशत तो दूसरे चरण में 75.88 प्रतिशत वोट पड़े। हालांकि, साल 2018 के चुनाव के मुकाबले ये मतदान प्रतिशत थोड़ा कम बताया जा रहा है। इससे पहले 2018 में 76.88 प्रतिशत वोट पड़े थे।
दरअसल, इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। यहां छत्तीसगढ़ की पाटन सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने बीजेपी से उन्हीं के भतीजे विजय बघेल रण में उतरे हैं। वहीं, अंबिकापुर से डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के सामने बीजेपी ने राजेश अग्रवाल को खड़ा किया। इसके अलावा राजनांदगांव से बीजेपी प्रत्याशी रमन सिंह के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी गिरीश देवांगन हैं। भरतपुर-सोनहत में बीजेपी प्रत्याशी रेणुका सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। जबकि बिलासपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल के समक्ष कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश पांडे अपना दांव आजमा रहे हैं।