रायपुर। विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) छत्तीसगढ़ के नए सीएम बने चुके हैं। साथ ही अरुण साव (Arun Sao) और विजय शर्मा (Vijay Sharma) ने भी आज बुधवार को डिप्टी सीएम के रूप में अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली है। बता दें कि छत्तीसगढ़ की कमान संभालने के बाद जहां विष्णुदेव साय […]
रायपुर। विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) छत्तीसगढ़ के नए सीएम बने चुके हैं। साथ ही अरुण साव (Arun Sao) और विजय शर्मा (Vijay Sharma) ने भी आज बुधवार को डिप्टी सीएम के रूप में अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली है। बता दें कि छत्तीसगढ़ की कमान संभालने के बाद जहां विष्णुदेव साय को बीजेपी की उम्मीद पर खरा उतरना होगा वहीं चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा जनता से किए गए सभी वादों को भी पूरा करना होगा।
दरअसल, सीएम पद मिलने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सामने कई तरह की चुनौतियां भी है। जिनका सामना उन्हें अगले पांच साल तक करना होगा। इन चुनौतियों में-
बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने संकल्प पत्र में वादों की बौछार की थी लेकिन धरातल पर अब सीएम विष्णु देव साय और उनके कैबिनेट सहयोगियों को इन वादों को पूरा करना एक चुनौती है। विष्णुदेव साय पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी उन्होंने संभाली है लेकिन उनके पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। ऐसे में उन्हें उनका पार्टी के दिग्गजों के साथ सरकार चलाना और उनके साथ तालमेल बिठाना बड़ी चुनौती है।
इसके अलावा बीजेपी ने गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक बड़े वादे किए हैं। यही नहीं खुद विष्णु देव साय भी ये कह चुके हैं कि उनकी सरकार का पहला काम 18 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास मुहैया कराना होगा। अब ऐसे में देखना ये है कि वो इस वादे को कब तक पूरा कर पाते हैं। साथ ही बीजेपी ने राज्य के किसानों को धान के प्रति क्विंटल 3100 रुपये, किसानों को बोनस, 5500 रुपये प्रति बोरा तेंदुपत्ता खरीदने के लिए, 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराने, भूमिहीन मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये देने और 500 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर देने की बात कही है। छत्तीसगढ़ की जनता ने बीजेपी के संकल्प पत्र के वादों के आधार पर भी वोट दिया है। बीजेपी को जनता की उम्मीदों को हर हाल में पूरा करना है। जिसका भार विष्णु देव साय पर होगा।
बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। फिर चाहे वो कथित गोबर घोटाला हो, शराब घोटाला हो या महादेव सट्टा ऐप घोटाला इन सभी को लेकर बीजेपी, कांग्रेस पर लगातार हमलावर रही। अब जब बीजेपी दल सत्ता में है तो सीएम विष्णु देव साय को भी सावधानी के साथ कदम रखना होगा। ताकि वो अपनी सरकार को भ्रष्टाचार से दूर रख सकें और विपक्षी दलों के हमले से बच सकें।