सुकमा। छत्तीसगढ़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़ी मुहीम चला रही है। जिसमें सीआरपीएफ और राज्य पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बता दे कि गुरुवार 2 फरवरी को सर्च अभियान के तहत 7 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस […]
सुकमा। छत्तीसगढ़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़ी मुहीम चला रही है। जिसमें सीआरपीएफ और राज्य पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बता दे कि गुरुवार 2 फरवरी को सर्च अभियान के तहत 7 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के मुताबिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस की स्थापना के बाद से नक्सली गतिविधियों में कमी आई। सुरक्षा बल नक्सलियों को लेकर क्षेत्रों में बड़ी सतर्कता के साथ काम कर रहे है। नक्सलीयों द्वारा अक्सर सुकमा क्षेत्रों में हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद करने के उद्देश्य से सर्च डिस्ट्रक्शन ऑपरेशन के अलावा एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन चलाए जाते हैं।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और पुलिस के द्वारा संयुक्त अभियान 1 फरवरी की आधी रात को शुरू किया गया। जिसमें 141 बटालियन की सीआरपीएफ जवान ने छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ कोंडवाई गांव के आसपास शुरू किया गया। रातभर चले इस सर्च अभियान में एक दिन के अंदर बड़ी कामयाबी हाथ लगी। सावधानी से किये इस सर्च अभियान में 7 नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए सभी 7 नक्सलियों के निम्मलगुडेम की रिवोल्यूशनरी पीपल्स काउंसिल (आरपीसी) और प्रतिबंधित भाकपा माओवादी पार्टी के लोग हैं। जिन्हें सर्च अभियान में सुरक्षा बलों ने गिफ्तार किया है , उसमे पिछले 3 वर्षों से रिवोल्यूशनरी पीपल्स काउंसिल के सदस्य कल्मू सत्यम, कलमू जोगा, किकिदी जोगा, मदिवी मंगा और दो वर्षों से आरपीसी सदस्य मदकम ऐथा के साथ ही पिछले 1 साल से आरपीसी सदस्य कलमू भीमा को भी गिरफ्तार किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों और फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस की स्थापना के कारण नक्सल गतिविधियों में गिरावट जारी है, इसलिए बल नक्सली ताकत से फिर से उभरने की संभावना से बचने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी सतर्कता के साथ काम कर रहे हैं।
बता दें कि 22 जून,2009 को भारत सरकार ने भाकपा माओवादी को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए इसे प्रतिबंधित कर दिया था।