Tuesday, November 26, 2024

Ayodhya Ram Mandir: भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यह शुभ मुहूर्त सबसे खास

रायपुर। देश के विद्वान ज्योतिषाचार्यों और पंडितों के द्वारा रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का शुभ मुहूर्त बहुत ही खास बताया गया है। 22 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मृगशिरा नक्षत्र, सोमवार के साथ पूरे दिन अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और इंद्र योग का संयोग रहेगा।

आज होगी प्राण प्रतिष्ठा

आज यानी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बने भव्य मंदिर में भगवान राम की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का इंतजार सभी को बेसब्री से है। लोगों के आखों में चमक नजर आ रही है। रामलला की मूर्ति के प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां पूरी हो गई है और 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम विराजित होंगे, फिर इसके बाद सभी भक्तों को अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के दर्शन आसानी से होंगे। 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हैं। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गया था, जो अभी भी जारी है। आइए जानते हैं अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मुहूर्त का महत्व और इसके लिए 22 जनवरी का चुनाव क्यों किया गया।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 का दिन चुना गया है। अयोध्या मंदिर में भगवान राम के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष मुहूर्त 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड का शुभ मुहूर्त निर्धारित है। इसी मुहूर्त में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस तरह से प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का समय बहुत ही खास रहेगा।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी ही क्यो खास?

हिंदू धर्म में किसी भी मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करना एक अनिवार्य कार्य माना जाता है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंचांग के माध्यम से विशेष मुहूर्त निकाले जाते हैं। इस लिहाज से अयोध्या राम मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख का चुनाव विद्वान ज्योतिषाचार्यों के द्वारा किया गया है। 22 जनवरी 2024 को पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, मृगशिरा नक्षत्र, इंद्र योग, मेष लग्न और वृश्चिक नवांश का अत्यंत शुभ संयोग है। 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 मिनट ‘प्रतिष्ठित परमेश्वर’ मंत्र के उच्चारण और विधि-विधान के साथ भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

ज्योतिष में बताया शुभ मुहूर्त का महत्व

देश के विद्वान पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के द्वारा रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का शुभ मुहूर्त बहुत ही खास बताया गया है। 22 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मृगशिरा नक्षत्र, सोमवार के साथ पूरे दिन अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और इंद्र योग का संयोग रहेगा। इस तिथि पर अभिजीत मुहूर्त के साथ नवांश लग्न से 9वें स्थान पर उच्च के गुरु भी मौजूद रहेंगे। इस तिथि पर 6 ग्रह भी एक साथ मौजूद रहेंगे। इसके साथ लग्न के स्वामी मंगल और भाग्य भाव के स्वामी ग्रह का परिवर्तन योग भी बना हुआ है। इस तरह से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यह शुभ मुहूर्त बहुत ही शुभ माना जाता है।

क्यों जरूरी है मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा ?

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार किसी भी मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति रखने व स्थापित करने से पहले उस मूर्ति की विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जानी जरूरी होती है। बता दें, प्राण प्रतिष्ठा का मतलब उस मूर्ति में प्राण की स्थापना करना यानी जीवन शक्ति को स्थापित करके मूर्ति को देवता के रूप में बदला जाता है। मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के लिए वैदिक मंत्रों के उच्चारण और अनेकों तरह की पूजा विधियों के द्वारा उस मूर्ति में प्राण को स्थापित किया जाता है। इसी वैदिक परंपरा को प्राण प्रतिष्ठा कहते हैं। मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मूर्ति में भक्तों की प्रार्थना स्वीकार करने वरदान देने की शक्ति आ जाती है।

किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के कई चरण होते हैं, जिसे पूरा करके मूर्ति को स्थापित किया जाता है। प्राण प्रतिष्ठा के विभिन्न चरणों को अधिवास कहा जाता है। जैसे जलाधिवास, अन्नाधिवास, फलाधिवास, धृताधिवास आदि। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का वर्णन कई पुराणों और धर्म गन्थ्रों में किया गया है।

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