रायपुर। छ्त्तीसगढ़ में चल रहे महादेव जुआ ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए ड्राइवर असीम दास ने अपना बयान ले लिया है। बता दें कि इस असीम दास ने यह बयान दिया था कि उसने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को चुनाव के लिए पैसे पहुंचाए थे। अब यह बात सामने आई है कि असीम दास ने अदालत को पत्र लिखकर यह कहा है कि उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। उसका कहना है कि ईडी द्वारा अंग्रेजी में लिखे एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया, जिस भाषा को वह नहीं समझता था।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा
इसके बाद अब कांग्रेस पार्टी ने ईडी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सीएम बघेल ने भी सभी आरोपों से इनकार करते हुए बीजेपी और ईडी पर इस साजिश का आरोप लगाया है। दरअसल, ईडी ने जुलाई 2022 में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले की जांच शुरू की थी। इस दौरान यह दावा किया गया था कि ऐप के प्रमोटर (सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल) विदेश में बैठकर इस अवैध सट्टेबाजी ऐप का संचालन कर रहे हैं। यह भी दावा किया गया था कि इस अवैध सट्टेबाजी ऐप के जरिए ये हजारों करोड़ रुपये की कमाई करते हैं।
असीम ने दिया था बयान
वहीं इस मामले में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के चार दिन पहले 3 नवंबर को ईडी ने इस मामले ड्राइवर असीम दास और एक कांस्टेबल भीम सिंह यादव (41) को गिरफ्तार किया था। यही नहीं असीम दास की कार से कथित तौर पर 5.39 करोड़ रुपये जब्त किए गए। इस पर ईडी ने कहा कि असीम दास ने बताया है कि वह, एक अन्य आरोपी शुभम सोनी के निर्देश पर, चुनावी फंडिंग के लिए कांग्रेस पार्टी के राजनेताओं को पैसा पहुंचाने के लिए रायपुर आया था। वहीं, ईडी ने इस मामले में अदालत को जानकारी दी थी कि असीम दास ने पूछताछ में यह स्वीकार किया था कि इन रुपयों को सत्तारूढ़ राजनीतिक अधिकारियों तक पहुंचाया जाना था। यही नहीं ईडी ने यह भी बताया कि असीम ने पूछताछ में यह भी जानकारी दी है कि यह रुपये सीएम भूपेश बघेल तक भी पहुंचे थे।
अपने बयान से मुकर गया असीम दास
हालांकि, असीम दास अब अपने इस बयान से मुकर गया है। दास ने कहा है कि अब उसे यह एहसास हो रहा है कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा। उसने कहा कि वो ये स्पष्ट कर देना चाहता है कि उसने कभी भी सीएम बघेल, विनोद वर्मा या किसी अन्य कांग्रेस पार्टी के नेता या कार्यकर्ता को कोई पैसा नहीं पहुंचाया है।