रायपुर। प्रदेश में चुनावी माहौल को देखते हुए आचार संहिता लागू की गई है। इस दौरान छत्तीसगढ़ में राशन की दुकानों पर नमक और चने के पैकेट पर सीएम भूपेश और मंत्री अमरजीत भगत के फोटो प्रिंट दिखाई दिए।
नमक और चने की पैकेट से कर रहे प्रचार
छत्तीसगढ़ में राशन की दुकानों में आचार संहिता के दौरान बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग के नियमानुसार शहरों से जनप्रतिनिधियों के पोस्टर और बैनर तो हटा दिए गए हैं पर राशन की दुकानों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री अमरजीत भगत के फोटो लगे हुए खाद्य पदार्थ जनता के बीच चलाए जा रहे हैं। इन खाद्य पदार्थों में जैसे नमक के पैकेट और चने के पैकेट शामिल हैं। अब बताया जा रहा है कि बीजेपी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है।
बीजेपी ने की शिकायत
दरअसल, यह मामला सरगुजा संभाग का है। जहां राशन की दुकानों पर आम लोगों को दिए जाने वाले नमक और चने के पैकेट में सीएम भूपेश बघेल और फूड मिनिस्टर अमरजीत भगत की फोटो लगी हुई है। बताया जा रहा है कि 9 अक्टूबर के पहले तक इन पैकेटों में लगे फोटो से कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद इन पैकेट्स का वितरण बंद कर दिया गया था या फिर इन पैकेट्स को फाड़कर इसकी सामग्री दी जा रही है। मगर अब भी इसके चलन को लेकर बीजेपी ने जिला निर्वाचन के अधिकारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के दबाव में जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिला खाद्य अधिकारी को कार्यवाही करने की बात करते हुए यह कहा कि अब तक इस तरह की कोई भी शिकायत उन्हें नहीं मिली है। इसके अलावा दूसरी ओर खाद्य अधिकारी ने सभी पीडीएस दुकानों में जनप्रतिनिधियों के बिना तस्वीर वाले नमक चना वितरण करने वालों पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में कार्यवाही करने की बात कही है।
साल भर में छपाई में एक करोड़ की राशि खर्च
फिलहाल छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड का हिसाब-किताब देखा जाए तो 76 लाख से ज्यादा लोग राशन कार्ड धारी हैं। जिसमें 2 करोड़ 68 लाख मेंबर हैं। इसमें हर महीने में करीब 43 लाख कार्ड धारक राशन उठाते हैं। जिनमें गुड़, चना और नमक के पैकेट पर नेताओं की तस्वीरें छपाई जाती रही हैं। बता दें कि गुड़, चना जैसे एक करोड़ 39 लाख पैकेट पर तस्वीरें छपवाई गई हैं। ऐसे में अगर एक पैकेट में छपाई का खर्च 25 पैसे भी मान लें तो साल भर में छपाई करने में एक करोड़ की राशि खर्च की गई है। यानी अगर गौर करें तो 5 साल में इन पैकेट पर केवल फोटो छपाने में 5 करोड़ रुपए का खर्च किया गया है।