रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे रायगढ़ जिले के दौरे पर आएंगे। इस दौरान वह यहां के भरोसे का सम्मलेन में शामिल होंगे। इसके साथ ही SC वोट बैंक को साधने की कोशिश भी की जाएगी।
एक महीने में तीसरा दौरा
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एक महीने के अंदर ही अपने तीसरे छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे है। बताया जा रहा है कि इस दौरान वो रायगढ़ जिले के दौरे पर आ रहे है। यहां वो रायगढ़ में भरोसे के सम्मलेन में शामिल होंगे। इस दौरान उनकी कोशिश सतनामी वोट बैंक को साधने की होगी। बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे यहां 82 जैतखाम का शिलान्यास भी करेंगे।
कांग्रेस का 4 विधानसभा सीटों पर कब्जा
दरअसल रायगढ़ के कोड़ातराई में कांग्रेस सरकार का बड़ा आयोजन होना है। इस दौरान भरोसे का सम्मेलन में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे दोपहर 12:30 बजे रायगढ़ पहुचेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,डिप्टी सीएम टी. एस सिंहदेव और कांग्रेस के सभी बड़े नेता शामिल होंगे। इस मौके पर प्रदेश के 82 चयनित विकासखण्डों में निर्मित होने वाले जैतखाम का शिलान्यास होगा और शासन की विभिन्न योजना के 3088 लाभान्वित हितग्राहियों को 9 करोड़ 8 लाख पैंतिस हजार रूपये की सामग्री और सहायता राशि का वितरण किया जाएगा। आपको बता दें कि रायगढ़ जिले में ओबीसी वोट बैंक का बड़ा हिस्सा है लेकिन एससी वोटर भी निर्णायक की भूमिका में रहते है। वर्तमान में जिले के सभी 4 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इसी लीड को कांग्रेस सरकार आगामी विधानसभा चुनाव में दोहराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यहीं नहीं एससी वोटरों को साधने के लिए एससी वर्ग के बड़े नेता मल्लिकार्जुन खरगे की रायगढ़ में सभा रखी जा रही है। इसका कितना फायदा कांग्रेस को होगा ये तो चुनाव के परिणाम आने पर ही पता चल पाएगा, लेकिन कांग्रेस जातिगत मुद्दों के आधार पर ही अपने चुनावी अभियान को आगे बढ़ा रही है।
जानें जैतखाम के बारे में
अगर बात करें जैतखाम की तो करीब ढाई सौ साल पहले एक किसान परिवार में जन्मे घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। इस पंथ में शांति , एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया है. इसके प्रतीक के रूप में सफेद लकड़ी की पूजा की जाती है। मानव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार प्रेमी ने बताया कि, हर धर्म की पहचान के लिए एक सिंबल होता है. जिससे उसकी पहचान होती है उसी तरह सतनाम पंथ के लिए जैतखाम प्रतीक चिन्ह है. इसके पीछे ये मान्यता है की सतनाम पंथ में मूर्ति पूजा नहीं की जाती है, ये निर्गुण निराकार है.इस लिए एक लंबे खंबे को पूजा जाता है,जिसे जैतखाम कहा जाता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपने दौरे के दौरान जैतखाम का शिलान्यास करेंगे।