रायपुर। छत्तीसगढ़ मेंं विधानसभा चुनाव होने में कुछ महीने बाकी हैं. इसे लेकर अभी से सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी जोर-शोर के साथ तैयारी में जुट गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश में कई विशेष कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. बता दें, प्रदेश के बलरामपुर और दंतेवाड़ा जिले में गेहूं और चावल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा. इस कार्यक्रम के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ यानी यूनाइटेड नेशन्स 31.404 करोड़ रूपए की सहायता देगा।
फसल पैदावार को बढ़ाने के लिए हुआ MoU
जानकारी के मुताबिक इस विशेष कार्यक्रम में चावल और गेहूं के उत्पादन के साथ-साथ डिजिटल एग्रीकल्चर को भी बढ़ावा दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम अगले 5 साल तक संचालित किया जाएगा. नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में शुक्रवार को राज्य शासन के कृषि विभाग तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन के बीच MOU (एमओयू) हुआ है. प्रदेश में किसानों की फसल पैदावार को बढ़ाने के लिए MoU हुआ है. इस काम के लिए 31.404 करोड़ रुपए की सहायता राशि मिलेगी।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि MOU पर किए हस्ताक्षर
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में राज्य शासन की तरफ से संचालक कृषि चंदन संजय त्रिपाठी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि ताकायूकी हाजीवारा ने एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर किए. कार्यक्रम में खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर प्रशांत कुमार स्वाईं, संयुक्त सचिव कृषि के.सी. पैकरा, अपर संचालक कृषि सी.बी. लोढेकर, आर. एल. धुरंधर, संयुक्त संचालक कृषि कपिलदेव दीपक, अमित सिंह और अधिकारी-कर्मचारी के साथ अन्य लोग भी मौजूद थे।
जैविक खेती को बढ़ावा के लिए कराया अवगत
कृषि उत्पादन आयुक्त सिंह ने प्रदेश में मिलेट फसलों जैसे कोदो-कुटकी, रागी के उत्पादन एवं रकबे में बढ़ोत्तरी के लिए संचालित मिलेट मिशन और गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार वर्मी कम्पोस्ट किसानों को वितरित कर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य शासन के अभिनव प्रयासों से अवगत कराया। इसके साथ ही प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क (रीपा) के माध्यम से लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने खाद्य एवं कृषि संगठन की परियोजनाओं राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की पूर्ति हेतु उत्प्रेरक के रूप बताया। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने प्रदेश से नॉन बासमती धान के निर्यात, कॉफी एवं चाय उत्पादन की अपार संभावनाओं, प्रदेश के कृषकों को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मछलीपालन के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण उपलब्ध कराने तथा सामान्य धान के स्थान पर सुगंधित धान एवं अन्य फसल लेने वाले किसानों को अतिरिक्त आदान सहायता राशि उपलब्ध कराने की जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि को दी।