Friday, October 25, 2024

Chhattisgarh: सनातन के अपमान पर भड़के देवकी नंदन, बोले- एकजुट होकर देना होगा मुंहतोड़ जवाब

रायपुर। इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर अभी से ही प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. सभी राजनीतिक दल के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नजर आ रहे है. इसी बीच धर्म, जाति को लेकर आरोप का सिलसिला जारी है. बता दें, बुधवार को कोरबा जिले के कटघोरा में भागवत कथा पाठ के लिए आए देवकी नंदन ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए लोग सनातन धर्म को लेकर कुछ भी बोलने पर उतारू हो गए हैं. इतना ही नहीं इसे कोरोना, मलेरिया, एचआईवी, कुष्ठ रोग भी बता रहे हैं।

एकजुट होकर देना होगा मुंह तोड़ जवाब – नंदन

देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि ऐसे लोग देश में सनातन, सनातनियों और संविधान का अपमान कर रहे हैं. ऐसे लोगों को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए तभी ये लोग चुप होंगे. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ उठने वाली हर आवाज पर सभी सनातनधर्मियों को एकजुट होकर मुंह तोड़ जवाब देना होगा. क्योंकि ये लोग सनातन को खत्म करने के लिए तैयार हो गए है. सभी को एक साथ होना होगा, इसके बिना सनातन के खिलाफ लगातार रची जा रही साजिश को खत्म नहीं किया जा सकता है।

जिले में निकाली गई जागृति यात्रा

जानकारी के मुताबिक इस अवसर पर जिले में आज सनातन धर्म की जागृति यात्रा भी निकाली गई. नगर भ्रमण करने के बाद महागौरी मंदिर में यात्रा के समापन पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि हमारे धर्म, संस्कृति, परंपरा के खिलाफ लोग कुछ भी बोल देते थे. इतना ही नहीं लोग व्यंग्य करते हुए कटाक्ष भी करते हैं, लेकिन फिर भी हम चुपचाप रहते हैं. हम उनका प्रतिकार नहीं करते. उन्होंने आगे कहा कि हमें लगता है कि धर्म के लिए कह रहा है तो उससे हमें क्या लेना-देना है. हम चाहते है कि उसके खिलाफ कोई और आवाज उठाए. उन्होंने कहा कि यही हमारी कायरता है, जो गुलामी की तरफ ले जाने में मदद कर रही है।

गाय सनातनियो की माता है – ठाकुर

देवकी नंदन ठाकुर ने देश में हो रहे लगातार धर्मांतरण को लेकर कहा कि भारत में सख्त कानून बनाने की जरूरत है. देश में ऐसा कानून बनाने की जरूरत है जिससे दूसरों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों को रोका जा सके. छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार से उन्होंने गौ संरक्षण को लेकर कहा कि गाय हम सनातनियो की गौ माता है. हमारे धर्म में इसकी पूजा की जाती है. इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।

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