रायपुर। छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष के बेटे पलाश चंदेल को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है. चंदेल के ऊपर दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट समेत कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं. आज शुक्रवार को बिलासपुर हाईकोर्ट ने ये सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. हालांकि रिपोर्ट के अध्ययन के बाद न्यायालय ने माना कि इस मामले में कोई अपराध नहीं बनता है।
23 अगस्त को पूरी हो गई थी सुनवाई
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राकेश मोहन पांडेय की सिंगल ने फैसला सुनाया है. बताया जा रहा है कि बीते एक महीने पहले यानी 23 अगस्त को मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी. जिसके बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था. जानकारी मिली है कि पलाश चंदेल के ऊपर कई गंभीर लगाए गए हैं. आदिवासी महिला से दुष्कर्म करने का आरोप लगाए गए है।
फेसबुक के माध्यम से हुई थी दोस्ती
दरअसल करीब 9 महीने पहले यानी 19 जनवरी को जांजगी में कार्यरत एक आदिवासी महिला ने नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल पर कई गंभीर लगाए था. जिसमें दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट के अलावा कई आरोप है. आदिवासी महिला ने राजधानी रायपुर के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. बताया जा रहा है कि महिला और पलाश की दोस्ती फेसबुक के माध्यम से हुई थी. महिला जांजगीर चांपा की रहने वाली है. रोजाना फेसबुक पर चैट के जरिए बातचीत करने से दोनों की दोस्ती साल 2018 के बाद काफी गहरी हुई. इसके बाद पलाश ने आदिवासी महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। साल 2021 में महिला गर्भवती हो गई. इसके बाद पलाश ने गर्भपात की दवा देकर उसके बच्चे का गर्भपात करा दिया। जिसके बाद दोनों में विवाद होने लगी. विवाद होने के बाद पीड़िता थाने पहुंची और पलाश के खिलाफ दुष्कर्म करने का शिकायत दर्ज कराई थी।