Thursday, September 19, 2024

Chhattisgarh: एक्शन में भूपेश सरकार, हजारों स्वास्थ्यकर्मियों पर बर्खास्तगी और निलंबन का आदेश जारी

रायपुर। इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर अभी से ही प्रदेश में सियासी सरगर्मीयां तेज हो गई है. इसके साथ ही प्रदेश में आंदोलनरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कांग्रेस की भूपेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है।

नोटिस जारी करने के बाद की गई कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कांकेर, बीजापुर, कोंडागांव, बस्तर, गरियबंद, रायगढ़ समेत अन्य जिलों के सैकड़ों संविदा कर्मचारियों पर निलंबन, बर्खास्तगी और एफआईआर (FIR) की गाज गिरी है. इतना ही नहीं अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए कर्मचारियों को अपने काम पर वापस लौटने का नोटिस जारी करने के बाद अब उन पर कार्रवाई भी की गई है।

आंदोलनकारी दे सकते हैं सामूहिक इस्तीफा

हालांकि अब ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के आंदोलनकारी साथी कर्मियों के निलंबन के खिलाफ राजधानी रायपुर में धरना स्थल पर सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं।

40 हजार कर्मचारी हड़ताल में हुए शामिल

आपको बता दें, छत्तीसगढ़ के अलग-अलग सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और हॉस्पिटलों में पोस्टेड संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगभग 15 दिनों से यानी 21 अगस्त से हड़ताल पर हैं. बर्खास्त और निलंबित किए गए सभी स्वास्थ्य कर्मचारी छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ समेत 10 विभिन्न संगठनों के बैनर तले हड़ताल कर रहे थे. बताया जा रहा है कि सरकार के खिलाफ हो रहे हड़ताल में राज्य के 40 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मी हिस्सा लिए थे. वहीं हड़ताल के दौरान सभी कर्मियों ने हॉस्पिटल में सेवाओं का बहिष्कार कर दिया।

सरकार ने किया ESMA का ऐलान

इसके बाद भूपेश सरकार हड़ताल को खत्म करने के लिए एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (ESMA) का भी ऐलान किया था. ईएसएमए का ऐलान के बाद भी कर्मचारी अपने काम पर नहीं लौटे। लेकिन 2 सितंबर को भूपेश बघेल सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद तत्काल प्रभाव से 1500 हड़ताली कर्मचारियों को निलंबित करने की बात सामने आई है. जबकि अलग-अलग जिलों में 3 हजार से अधिक बर्खास्तगी और निलंबन के आदेश जारी हो चुके हैं।

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