रायपुर। छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने एक बार फिर विवाद छिड़ने वाली बात कह दी है. बता दें, मंत्री लखमा ने कहा कि बीड़ी पीना कोई गलत काम नहीं है. यह तेंदूपत्ता का मजा है. मंत्री के इस बयान से प्रदेश में सियासी घमासान तेज हो गई है।
बीड़ी पीना कोई गलत काम नहीं – लखमा
आबकारी मंत्री कवासी लखमा राजनांदगांव में आयोजित विश्व आदिवासी सम्मेलन और सम्मान सामारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीड़ी पीना कोई गलत काम नहीं है. क्योंकि यह अफीम और गांजा तो नहीं है. आदिवासी जो तेंदूपत्ता तोड़ते हैं यह वहीं तेंदूपत्ता है और उसका ही मजा है. साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग गांव-घर में रहते हैं वो इस मजा को अच्छी तरह से जानते है।
RSS वाले क्या जाने बीड़ी का मजा
जिले में आयोजित का आदिवासी सम्मेलन में मंत्री लखमा ने कहा कि ये मीडिया वाले और आरएसएस (RSS) वाले इस तेंदूपत्ता के बारे में क्या जाने? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो दिल से आदिवासी समाज के साथ मिलता-जुलता है. वहीं इसके बारे में जान सकता है. अगर कोई आदिवासी बीड़ी पिलाएगा तो इसमें दोष क्या है? इसके आगे लखमा ने आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा कि ये तो आदिवासी समाज से मिल नहीं सकते तो ये बीड़ी पी कैसे सकते है. ये ऐसा काम कभी कर नहीं सकते तो गलत तो लगेगा ही।
छत्तीसगढ़ मेंं नहीं होगी शराबबंदी- लखमा
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने शराबबंदी पर कहा कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं होगी। गांधी की धरती गुजरात में घर-घर पहुंचा कर शराब मिल रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के दिग्गज राहुल गांधी राजनांदगांव दौरे पर आए थे तो उन्होंने शराबबंदी को लेकर कुछ नहीं कहा. इसके आगे मंत्री ने कहा कि धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ में लोग कर्ज में पैदा होते हैं और कर्ज में मरते हैं।