रायपुर। भारतीय वैज्ञानिकोंं को आज बड़ी कामयाबी मिली है. आखिरकार दशकों की अत्यंत प्रयास और मेहनत का फल हिंदुस्तान के वैज्ञानिकों को मिल गया. इसरो (ISRO) के मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ की चांद के साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुव) पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ पूरी तरह से आज सफल हो गई है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने वाला भारत पहला देश बन गया है।
14 दिनों तक करेगा रिसर्च
अब चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद उसमें से निकला प्रज्ञान रोवर सतह पर 14 दिनों तक रिसर्च करेगा. बता दें, अब तक चांद की सतह पर अमेरिका, चीन और रूस ही सॉफ्ट लैंडिंग कर पाया है. लेकिन आज यानी 23 अगस्त 2023 को भारत ने भी इस सफलता में अपना नाम दर्ज कर लिया है. ऐसे में अब चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत चौथा देश बन गया है।
14 जुलाई 2023 को हुआ था लॉन्च
इसरो के पूर्व चेयरमैन के सिवन के अनुसार इस मिशन का जो अप्रूव्ड कॉस्ट है वो लगभग 250 करोड़ रूपये है. इसमें लॉन्च व्हीकल की लागत शामिल नहीं है, लेकिन लैंड रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत शामिल है. इसके अलावा लॉन्च सर्विस की लागत 365 करोड़ थी, ऐसे में पूरे मिशन की लागत 615 करोड़ या लगभग 75 मिलियन डॉलर के आसपास है. भारत का चंद्रयान-3 मिशन आश्चर्यजनक रूप से चंद्रयान-2 से अधिक किफायती है. चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई 2023 को लॉन्च हुआ था।