नई दिल्ली/ रायपुर। चंद्रयान-3 मिशन को पूरा होने में अब चंद क्षणों की देरी है. आज 23 अगस्त को शाम 6:04 पर भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 चांद पर लैंडिंग करेगा. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं जहां पूरी दुनिया भारत के इस मिशन पर अपनी नज़रें टिकाए हुए है. भारत आज इतिहास बनाने के बेहद करीब है. कुछ ही क्षणों में भारत का नाम विश्व के इतिहास में दर्ज़ हो जाएगा. वहीं पूरे देश में प्रार्थनाओं का दौर भी जारी है जहां देशवासी चंद्रयान 3 की सफलता के लिए दुआएं कर रहे हैं. 41 दिनों के सफर के बाद चंद्रयान 3 चांद पर लैंड करने जा रहा है जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
आइए जानते हैं आखिरी के 17 मिनट के बारे में…
दरअसल जब विक्रम लैंडर को 30 किलोमीटर की ऊंचाई नीचे उतारा जाएगा तो उसकी गति पर काम करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस दौरान कम से कम 17 मिनट का समय लगेगा. इसलिए ये 17 मिनट 21 सेकंड का समय इस मिशन को पूरा करने में बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं. चंद्रयान के 41 दिनों का सफर इन आखिरी 17 मिनट 32 सेकंड पर ही निर्भर करता है. अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई के अनुसार ये 17 मिनट ही भयावह होते हैं जिन्हें 17 मिनट्स ऑफ टेरर का नाम दिया गया है।
चंद्रायान-3 में किए गए व्यापक बदलाव
बता दें, सॉफ्ट लैंडिंग के लिए मून मिशन के आखिरी 17 मिनट 21 सेकंड ही सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं. क्योंकि इसी पर पूरे मिशन की नींव टिकी होती है. साल 2019 में भारत का चंद्रयान-2 मिशन भी इन्हीं संवेदनशील क्षणों में चूक गया था. जहां विक्रम लैंडर चांद पर सुरक्षित लैंडिंग नहीं कर पाया था. हालांकि चंद्रयान-3 में व्यापक बदलाव किए गए हैं जिसके बाद उसके सफल होने की संभावना 80 प्रतिशत तक बताई जा रही है.