Friday, November 22, 2024

Chhattisgarh: आजादी के बाद पहली बार इस गांव में होगा मतदान

रायपुर। भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन आज भी देश में कई क्षेत्र या गांव हैं जहां कई वजहों के चलते आज तक मतदाता केंद्र नहीं बन पाए हैं. आपकों बता दें, छत्तीसगढ़ के एक ऐसा ही गांव है, जो बस्तर जिले में स्थित है।

नक्सलियों का गढ़ है चांदामेटा गांव

जानकारी के अनुसार बस्तर जिले का अंतिम गांव चांदामेटा है. बता दें, तुलसी डोंगरी के नीचे बसे होने की वजह से इस गांव को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. इस गांव में नक्सलियों ने ट्रनिंग सेंटर बना रखा था. इसी वजह से आज तक इस गांव में किसी भी चुनाव में वोटिंग नहीं हुई है. छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में गांव की तस्वीर कुछ अलग ही देखने को मिलेगी। बताया जा रहा है कि देश की आजादी के बाद इस साल पहली बार ऐसा होगा कि गांव में ही मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

पहली बार होगा गांव में मतदान

बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर चांदामेटा गांव बसा है. बता दें, जगदलपुर से कोलेंग और चिंगुर होते हुए चांदामेटा गांव में जाया जाता है. यह गांव घने जंगल और पहाडी से घिरा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक इस बार विधानसभा चुनाव में पहली बार चांदामेटा गांव में वोटिंग कराई जाएगी। जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के इस गांव के 337 बेखौफ होकर मतदान करेेंगे। इस गांव में बसने वाले लोग पहली बार ईवीएम से निकलने वाली व्हिप की आवाज सुनेंगे। सबसे खास बात है कि छत्तीसगढ़- ओडिशा सीमा के अंतिम गांव के लोग पहली बार अपने गांव में वोटिंग मशीन (ईवीएम) देखेंगें और उन्हें पहली बार अपने गांव में इसे इस्तेमाल करने का अवसर प्राप्त होगा।

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